PINAK MISSILE SYSTEM

 

पिनाक मिसाइल प्रणाली 

पिनाक मिसाइल प्रणाली भारत द्वारा विकसित एक बहुउद्देशीय रॉकेट प्रणाली है, जिसे मुख्य रूप से भारतीय सेना के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है। इसका नाम भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक’ पर रखा गया है, जो इसके शक्तिशाली और अचूक होने का प्रतीक है।

पिनाक एक मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (MBRL) है, जिसका मुख्य उद्देश्य शत्रु के क्षेत्रों में लंबे दूरी तक हमला करना है। यह प्रणाली 40 किलोमीटर से लेकर 75 किलोमीटर तक की दूरी तक प्रभावी रूप से मार कर सकती है, और भविष्य में इसकी रेंज को 90 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना है।

यह प्रणाली एक बार में 12 रॉकेट दाग सकती है, और प्रत्येक रॉकेट अपने लक्ष्य पर सटीक रूप से वार करने में सक्षम होता है। इस प्रणाली को ट्रक पर लगाया जाता है, जिससे इसे युद्ध के मैदान में आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है। इसकी तेज तैनाती और तेजी से फायरिंग क्षमता इसे आधुनिक युद्ध के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाती है।

पिनाक प्रणाली का उपयोग दुश्मन की सैन्य छावनियों, हथियार भंडारों, संचार केंद्रों और रडार स्टेशनों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। यह प्रणाली पारंपरिक और स्मार्ट दोनों प्रकार के रॉकेट से सुसज्जित होती है, जिसमें नेविगेशन और सटीकता के लिए जीपीएस आधारित निर्देश प्रणाली भी जोड़ी जा सकती है।

पिनाक के दो संस्करण विकसित किए गए हैं – पिनाक-I और पिनाक-II। पिनाक-II की मारक क्षमता अधिक है और यह सटीकता में भी बेहतर है। इस प्रणाली की सफलतापूर्वक तैनाती कारगिल युद्ध के दौरान भी की गई थी, जहां इसने भारतीय सेना को सामरिक बढ़त दिलाने में मदद की।

इस स्वदेशी प्रणाली की सफलता भारत की आत्मनिर्भरता (Aatmanirbhar Bharat) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जाती है। यह न केवल भारत को विदेशी रक्षा प्रणाली पर निर्भरता से मुक्त करता है, बल्कि इसके निर्यात की भी संभावनाएं हैं।

निष्कर्षतः, पिनाक मिसाइल प्रणाली भारतीय रक्षा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो देश की सामरिक क्षमता को मजबूती प्रदान करती है और आधुनिक युद्ध के लिए भारतीय सेना को तकनीकी रूप से सशक्त बनाती है।

Comments

Popular posts from this blog

MAHUA BAGH GHAZIPUR