जातिवाद की घूँटी ______________ 1986 में मैं पटना के ज्ञान निकेतन में चौथी कक्षा का छात्र था।यह विद्यालय चर्चित आईपीएस अधिकारी और महावीर स्थान पटना के ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल द्वारा स्थापित है। एक दिन लंच समय मैनें अपने दो सहपाठी को(जो विद्यालय के छात्रवास्तव में रहता था) लंच शेयर कर खाने को कहा तो उनमे से एक "अनूप" ने मेरी जाति के बारे मे पूछा।जब मैने अपनी जाति बतायी तो उनदोनोवह दोस्तो, ने आपस इशारा करते हुए कहा कि लंच शेयर किया जा सकता है। बचपन के दिनों की वह बात इतने वर्ष बाद भी मुझे याद है।निश्चित रूप से मेरे उन मित्रो के मन मे छुआछूत और जातिवाद की घूँटी घर से ही मिला होगा।