अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा
अंतरराष्ट्रिय तिथि रेखा
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180 डिग्री देशांतर को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा कहते है .1884 इ0 में वाशिंगटन में संपन्न इंटरनेशनल मेरीडियन कांफ्रेंस में 180 वें याम्योत्तर को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा निर्धारित किया गया है .ऐसा इसिलिय किया गया ताकि विभिन्न देशों के मध्य यात्रियों को कुछ स्थानों पर 1 दिन का अंतर होने के कारन परेशानी न हो .अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा आर्कटिक सागर ,चुकी सागर ,बेरिंग स्ट्रैट और प्रशांत महासागर से गुजरती है .ग्रीनवीच मेरीडियन से गणना करते हुए इस रेखा के पूर्व वाले क्षेत्र एक दिन आगे होंगे या दुसरे शब्दों में इस रेखा से पश्चिम वाले क्षेत्रों से 12 घंटे आगे होगे .अर्थात अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व और पश्चिम में एक दिन का अंतर पाया जाता है .जब कोई जलयान अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार कर पश्चिम दिशा में यात्रा करता है तो एक दिन जोड़ दिया जाता है एवं जब पूर्व दिशा में यात्रा करता है तो एक दिन घटा दिया जाता है .
साइबेरिया को विभाजित होने से बचाने के लिए एवं साइबेरिया को अलास्का से अलग करने के लिय 75 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर यह पूर्व की ओर मोड़ी गयी है .बेरिंग सागर में यह रेखा पश्चिम की ओर मोड़ी गयी है .फिजी द्वीप समूह एवं न्यूजीलैंड के विभिन्न भागों को एक साथ रखने के लिए यह रेखा दक्षिणी प्रशांत महासागर में पूर्व दिशा की ओर मोड़ी गयी है .
##बेरिंग जलसन्धि अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेकः के सामानांतर स्थित है .
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