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Showing posts from February, 2024

BRGF

 पीछे क्षेत्र अनुदान कोष (Backward Region Grant Fund, BRGF) एक प्रमुख योजना है जो भारत सरकार द्वारा 2006 में शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य पिछड़े क्षेत्रों के विकास को प्रोत्साहित करना है। BRGF का उद्देश्य उन प्रदेशों और क्षेत्रों के विकास को तेजी से बढ़ाना है जो आर्थिक तौर पर पिछड़े हुए हैं। यह योजना एक समर्पित निधि प्रणाली के रूप में कार्य करती है जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक और विकासीय गतिविधियों को समर्थन देना है। BRGF के तहत, प्रदेश और क्षेत्र स्तर पर योजनाओं को प्राथमिकता दी जाती है जो उनके विकास को समर्थन करने में मदद करती हैं। इस योजना के माध्यम से, पिछड़े क्षेत्रों को सामाजिक, आर्थिक, और प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए तैयार किया जाता है। साथ ही, इसका मकसद है कि इन क्षेत्रों में स्थायी और सामाजिक विकास को सुनिश्चित किया जाए। बीआरजीएफ निधि को स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक और प्रबंधन क्षमता को संवारने, सामुदायिक संगठनों को सशक्त करने, और स्थानीय नेतृत्व को प्रोत्साहित करने के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, इस योजना के अंतर्गत स्थानीय नेतृत्व को वि

DIGHWA DIWOULI

SARAN

RAHUL GATE

MANJHI

RAMYADI BABA MANDIR

GARHDEVI MANDIR

DWARIKADHISH MANDIR

DHOR ASHRAM

AAMI MANDIR

GAUTAM STHAN

CHIRAND

Full form of ARMY

 ARMY--ALERT REGULAR MOBILITY YOUNG

SATYAYUG

 सत्युग भारतीय पौराणिक साहित्य में एक युग है जो धर्म, सत्य, और पूर्णता की सबसे उच्च अवस्था को प्रतिष्ठित करता है। इसे "कृतयुग" भी कहा जाता है, और यह चार युगों में पहला है, जो कि कल्प की चक्रवर्ती युगिता में स्थित है। सत्युग का समयगुण का प्रधान युग है, जिसमें धरती पर एक आदर्श समाज और पूर्ण धार्मिकता का राज होता है। सत्युग का आरंभ सत्यनारायण विष्णु के अवतार के साथ होता है, जो इस युग के निर्देशक और परिपालक होते हैं। यह युग धरती पर सच्चे और निर्मल जीवन की अवधारित अवस्था में होता है, जिसमें लोगों के मन, वचन, और क्रिया सद्गुणों में प्रवृत्ति करते हैं। सत्युग में धरती पर समृद्धि, शांति, और सभी प्राणियों के बीच सामंजस्य होता है। वहां अशोक और दुःख का अभाव होता है और सभी जीवों में परमात्मा की अद्वितीयता का आभास होता है। लोग एक दूसरे के प्रति सद्भावना और सहानुभूति रखते हैं, जिससे समृद्धि और सुख की पूर्ण अनुभूति होती है। इस युग में मनुष्यों की आयु बहुत लंबी होती है, और उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का पूर्ण समर्थन होता है। वे निर्दोष, आत्मसमर्पणी, और सत्य-प्रिय होते हैं। सत्युग में धा

ChatGPT

 चैटजीपीटी (ChatGPT) एक उन्नत प्रौद्योगिकी है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके चैटबॉट की भूमिका निभाती है। यह एक प्रकार का भाषा मॉडल है जो उपयोगकर्ताओं के साथ साहसिक और सूचनात्मक चरित्र से बातचीत कर सकता है। चैटजीपीटी का विकास OpenAI द्वारा किया गया है, जो एक प्रमुख एआई अनुसंधान संगठन है। चैटजीपीटी को गेनरेटिव प्री-ट्रेनिंड ट्रांसफर (GPT) 3.5 आर्किटेक्चर पर आधारित किया गया है, जो कि एक बहुलक्षणीय भाषा मॉडल है और विभिन्न क्षेत्रों के विचार, प्रश्नों, और सीधे उत्तरों का सामग्री प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। यह चैटजीपीटी को एक उपयोगकर्ता के साथ आत्मबीभास बनाने में सक्षम करता है, उसके सवालों का समर्थन करता है और विभिन्न विषयों पर चर्चा करने के लिए योजना बनाता है। चैटजीपीटी का उपयोग अनेक क्षेत्रों में किया जा सकता है, जैसे कि शिक्षा, संगीत, स्वास्थ्य, विज्ञान, और व्यापार। यह उपयोगकर्ताओं को उच्च स्तर की बातचीत और विचार-विमर्श की संभावना प्रदान करने में मदद कर सकता है, साथ ही समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने में भी सहायक हो सकता है। चैटजीपीटी का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को स

इक्ष्वाकु वंश

 इक्ष्वाकु वंश भारतीय पौराणिक कथाओं में से एक है, जो हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस वंश का संबंध महर्षि विश्वामित्र के साधक पुत्र इक्ष्वाकु से है, जो राजा दिलीप के पुत्र थे। इक्ष्वाकु वंश आदि-पुराणों में रामायण के माध्यम से अधिक प्रसिद्ध हुआ है। इस वंश का उदय त्रेतायुग में हुआ था, जब इक्ष्वाकु ने तपस्या और तपोभूमि प्राप्त करने के बाद राजा बनने का अधिकार प्राप्त किया। इक्ष्वाकु ने अपने पुत्र को राजा बनाया और इससे इक्ष्वाकु वंश का आरंभ हुआ। इस वंश का प्रमुख चरित्र भगवान श्रीराम है, जो रामायण में महाकाव्य के रूप में उपस्थित है। राम, इक्ष्वाकु वंश के एक श्रेष्ठ और धर्मप्रिय राजा थे, जो अपने धर्म के प्रति समर्पित थे। उनका चरित्र और उनकी शिक्षाएं आज भी हमारे समाज में महत्वपूर्ण हैं और लोग उन्हें आदर्श मानते हैं। इक्ष्वाकु वंश ने अपने धर्म, न्याय, और शिक्षाओं के माध्यम से समृद्धि और शांति की प्राप्ति के लिए लोगों को प्रेरित किया। इस वंश का एक और महत्वपूर्ण चरित्र हनुमान भी है, जो राम के अद्वितीय भक्त और सहायक थे। त्रेतायुग में इक्ष्वाकु वंश का विकास होता रहा, और इसके राजा