HAMIDA BANO

 


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हमीदा बानो का जन्म 1900 के दशक के आरंभ में भारत के अलीगढ़ में एक कुश्ती के परिवार में हुआ था। उसने कुश्ती की प्रशिक्षण ली और अपने करियर के दौरान 1940 और 1950 के दशक में 300 से अधिक प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिसमें पुरुष और महिला कुश्तीकर्ताओं के साथ भी शामिल था। उस समय, भारत में महिलाओं की खेल में भागीदारी को मजबूरी से रोका जाता था, खासकर कुश्ती में, क्योंकि इसे सामाजिक मानदंडों के खिलाफ माना जाता था। लेकिन, हमीदा ने अपनी पैसन और खुद के प्रति सच्चाई बनाए रखा और भारत की पहली पेशेवर महिला कुश्तीकर्ता बन गई।

हमीदा बानू को 1954 में 4 मई को कुश्ती मैच में जीत के लिए विश्वव्यापी पहचान मिली, जो केवल 1 मिनट और 34 सेकंड तक चला। उन्होंने प्रसिद्ध कुश्तीकर्ता बाबा पहलवान को हराया। इस हार के बाद, बाबा पहलवान ने पेशेवर कुश्ती से संन्यास ले लिया।


बानू ने इस खेल में अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त की थी। उनका जन्म 1912 में , भारत में हुआ था। बानू ने युवा आयु में कुश्ती शुरू की और जल्दी ही खेल में अपनी ताकत और कौशल के लिए पहचान बना ली।


1936 में, बानू ने बर्लिन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जो विश्व स्तर पर कुश्ती में भाग लेने वाली पहली भारतीय महिला बनी। कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करने के बावजूद, उन्होंने मजबूत प्रतिस्पर्धा की और अपनी दृढ़ता और साहस से कई लोगों के दिल जीत लिए।

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