PALLAKAD
पालक्काड (Palakkad), जिसे प्राचीन काल में पालघाट के नाम से जाना जाता था, केरल राज्य का एक प्रमुख जिला और शहर है। यह केरल के पूर्वी भाग में स्थित है और तमिलनाडु से सटा हुआ है। पालक्काड को "केरल का धान का कटोरा" कहा जाता है क्योंकि यह क्षेत्र राज्य के प्रमुख धान उत्पादन क्षेत्रों में से एक है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, हरी-भरी घाटियों, ऐतिहासिक स्थलों, और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है।
इतिहास और नामकरण
पालक्काड का नाम मलयालम शब्दों "पल्ली" (झील) और "काडु" (जंगल) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है "झीलों और जंगलों की भूमि।" यह क्षेत्र प्राचीन द्रविड़ संस्कृति का केंद्र था और चेर वंश के शासनकाल के दौरान महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र के रूप में उभरा।
भौगोलिक विशेषताएं
पालक्काड पश्चिमी घाट की तलहटी में स्थित है और "पालक्काड गैप" के लिए जाना जाता है, जो पश्चिमी घाट में एक प्राकृतिक पहाड़ी दर्रा है। यह दर्रा केरल और तमिलनाडु को जोड़ने का प्रमुख मार्ग है और इसे पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
आर्थिक और कृषि योगदान
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धान उत्पादन:
पालक्काड को "केरल का धान का कटोरा" कहा जाता है। यहां की उपजाऊ भूमि पर धान के खेतों का बड़ा विस्तार है। -
गर्मी सहने वाले फसलों का उत्पादन:
पालक्काड में नारियल, सुपारी, और मसालों का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। -
औद्योगिक क्षेत्र:
पालक्काड में कई छोटे-बड़े उद्योग स्थापित हैं। यहां स्थित केरल स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (KSEDC) और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान करते हैं।
पर्यटन स्थल
पालक्काड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
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मालाम्पुझा डैम और गार्डन:
यह एक प्रमुख पिकनिक स्थल है, जो अपनी खूबसूरत झील और गार्डन के लिए प्रसिद्ध है। -
पालक्काड किला:
यह ऐतिहासिक किला 18वीं शताब्दी में बना था और इसे हाइकर्स और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षक स्थल माना जाता है। -
साइलेंट वैली नेशनल पार्क:
यह राष्ट्रीय उद्यान अपनी जैव विविधता और प्राचीन जंगलों के लिए प्रसिद्ध है।
संस्कृति और भाषा
पालक्काड मलयाली और तमिल संस्कृति का मेल है। यहां मलयालम और तमिल भाषाएं बोली जाती हैं। यहां के संगीत और नृत्य रूप, विशेष रूप से कट्टाकलि और भरतनाट्यम, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं।
निष्कर्ष
पालक्काड प्राकृतिक सुंदरता, कृषि उत्पादन, और ऐतिहासिक महत्व का केंद्र है। इसकी हरियाली, ऐतिहासिक स्थलों और समृद्ध संस्कृति के कारण यह केरल के प्रमुख जिलों में से एक है।
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