He was a famous play writter,political activist and columnist.He was awarded NOBEL PRIZES in 1925 for literature.He is awarded OSCAR in 1938 for screenplay writing of a film PIGMELION.
महुआबाग गाजीपुर ================= महुआ बाग गाजीपुर का सबसे महत्वपूर्ण सबसे महत्वपूर्ण इलाका है जहां भारत सरकार का अफीम और क्षारोद का सरकारी कारखाना है। भारतीय रेल का क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान है तथा गाजीपुर जिला का मुख्य डाकघर स्थित है। महुआ बाग में ही गंगा घाट है जहां बाबा साईं नाथ का मंदिर ।है इस इलाके में कॉलेज है तथा पुस्तक और स्टेशनरी के नामी-गिरामी दुकान है। महुआ बाग से सटे इलाकों में जिलाधिकारी कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित है। यहां विभिन्न बैंक के शाखाएं हैं तथा एटीएम है। इस इलाके में स्थित बाजार है जहां विविध प्रकार के घरेलू उपयोग के सामान की दुकानें हैं तथा खाने के लिए अच्छे रेस्टोरेंट्स और मिठाई की दुकान है। इनमें सबसे प्रमुख अग्रवाल रेस्टोरेंट है। सड़क के किनारे ताजी सब्जियों और फलों तथा मूंगफली तथा नारियल डॉग के बहुत सारी दुकाने है।
समय सुबह का 7 बजकर पचास मिनट हुआ था। मै बरूआचक स्टेशन पर नाईट शिफ्ट के लगभग समाप्ति पर था।तभी दिन के शिफ्ट का अधीनस्थ कर्मचारी उनसठ वर्षीय श्री राजपति का कार्यालय मे प्रवेश होता है।तभी अनायास ही हमारी नजर श्री राजपति के उडलैंड के बादामी रंग के जूते पर टिक गया।तभी हमने मजाक करने के लिए कह दिया कि राजपति तो पच्चीस साल के जवान आज दिख रहे है।उसने हमारे मजाक का बिना कोई प्रत्युत्तर दिए मुस्कुरा दिया।फिर उस दिन बात आई गई हो गई और मै भी ड्यूटी शिफ्ट से छुट गया। अगले दिन वो शख्स फिर वही जूता पहन कर आया या नही,मुझे ध्यान नही रहा।परन्तु मेरे द्वारा निर्विकार भाव से किए गए उस मजाक का राजपति पर शायद गहरा असर हुआ जिससे मै अनभिज्ञ था।फिर कुछ दिन बाद राजपति की ड्यूटी मेरे दिन के शिफ्ट मे साथ मे लगी।उस दिन किसी ने फोन पर मुझसे उसका यू ही हालचाल पूछा।फोन पर ही दुर्भाग्यवश राजपति के सामने ही मेरे मुँह से फिर मजाक निकल गया।फिर क्या था।लोहा गरम था ही।हमारे पुनः मजाक का प्रतिक्रिया होना लाजिमी था सो हुआ।मै भौचक रह गया। उस शख्स के मन मे प्रतिक्रिया शायद इस बात को लेकर था कि एक छोटे कर्मचारी क्या अच...
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