Footprints of Lord Shree Ram ( श्रवण पाकर)

बाल्मीकि रामायण के अनुसार  मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार अपने माता पिता को कंधे पर बिठाकर चारों धाम की यात्रा पर  निकले थे। प्यास लगने पर वह एक सरोवर में पानी पी रहे थे। अयोध्या नरेश श्री दशरथ वन में शिकार खेलने निकले थे, उनको ऐसा लगा कि सरोवर में कोई हिरण पानी पी रहा है और उन्होंने शब्दभेदी बाण चला दिया। जिससे श्रवण कुमार घायल हुए हो मृत्यु को प्राप्त हुए। श्रवण कुमार की मृत्यु से आहत होकर उनके माता-पिता ने महाराज दशरथ को श्राप दिया कि जिस तरह हम पुत्र वियोग में आज देह त्याग रहें हैं तुम भी अपने पुत्र वियोग में एक  दिन तड़पोगे।श्रापग्रसित होने के कारण अपने पुत्र राम के वन जाने  के बाद दशरथ ने भी राम-राम कहते हुए देह त्याग किया था।
 जिस स्थान पर दशरथ ने श्रवण कुमार पर बाण चलाया था, वह स्थान आज श्रवण पाकर के नाम से प्रसिद्ध है।यह स्थान उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला में परसा तिवारी स्टेशन से महज 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस स्थान पर प्रभु श्री राम ,श्रवण कुमार का मंदिर और  सरोवर स्थित है। वर्ष में यहां 2बार मेला लगता है। 

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