LEH
लेह (Leh)
लेह, लद्दाख की राजधानी और प्रमुख नगर है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, बौद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह नगर समुद्र तल से लगभग 3,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। हिमालय की ऊँची-ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा लेह अपनी शांत वातावरण, मठों और पर्यटन स्थलों के कारण यात्रियों का स्वर्ग कहलाता है।
लेह का इतिहास बहुत पुराना और गौरवशाली है। यह कभी रेशम मार्ग (Silk Route) का एक अहम केंद्र था, जहाँ से व्यापारी तिब्बत, कश्मीर, चीन और मध्य एशिया तक का व्यापार किया करते थे। इस कारण लेह सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मेल-जोल का एक प्रमुख केंद्र बन गया। यहां की वास्तुकला और जीवनशैली में तिब्बती संस्कृति का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है।
लेह का सबसे बड़ा आकर्षण इसका लेह पैलेस है, जो सत्रहवीं शताब्दी में बना एक भव्य महल है और लद्दाखी राजाओं का निवास स्थान रहा। इसके अलावा यहाँ स्थित शांति स्तूप, थिकसे मठ, हेमिस मठ, और स्पितुक मठ जैसे धार्मिक स्थल लोगों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं। लेह का बाजार भी काफी लोकप्रिय है, जहाँ से पर्यटक तिब्बती हस्तशिल्प, ऊनी कपड़े और पारंपरिक आभूषण खरीदते हैं।
लेह का प्राकृतिक वातावरण बेहद आकर्षक है। बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ, ठंडी हवाएँ और नीला आसमान यहां आने वाले हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। इसके निकट स्थित पैंगोंग झील, नुब्रा घाटी और जांस्कर घाटी दुनिया भर में अपनी अनूठी सुंदरता के लिए जानी जाती हैं। साहसिक खेलों के शौकीनों के लिए ट्रैकिंग, रिवर राफ्टिंग और माउंटेन बाइकिंग यहां के विशेष आकर्षण हैं।
यहाँ का मौसम वर्षभर ठंडा रहता है। सर्दियों में तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाता है, जबकि गर्मियों में यह सुहावना और पर्यटन के लिए उपयुक्त होता है।
लेह केवल एक पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। यह स्थान हमें प्रकृति से जुड़ने, सादगी से जीने और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।
संक्षेप में कहा जाए तो लेह, लद्दाख का दिल है, जहाँ इतिहास, संस्कृति और प्रकृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यह जगह हर यात्री के लिए जीवनभर याद रहने वाला अनुभव देती है।
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