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Showing posts from June, 2025

STATE GREAT KHURAL

  स्टेट ग्रेट खुराल (State Great Khural)  स्टेट ग्रेट खुराल (State Great Khural) मंगोलिया की एकमात्र राष्ट्रीय संसद है, जो देश की विधायी (legislative) संस्था के रूप में कार्य करती है। यह मंगोलिया का सर्वोच्च संवैधानिक निकाय है और लोकतंत्र, कानून निर्माण तथा राष्ट्रीय नीति-निर्धारण में इसकी केंद्रीय भूमिका होती है। स्टेट ग्रेट खुराल की स्थापना 1992 में नए संविधान के तहत की गई थी, जब मंगोलिया ने समाजवादी शासन से हटकर लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया। इससे पहले मंगोलिया में "खुराल" शब्द का प्रयोग सोवियत-प्रेरित पीपुल्स रिपब्लिक शासन के लिए होता था। इस संसद में कुल 76 सदस्य (सांसद) होते हैं, जिन्हें हर चार साल में आम चुनाव के माध्यम से चुना जाता है। ये सदस्य मंगोलिया के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। संसद का नेतृत्व एक स्पीकर (अध्यक्ष) करते हैं, जिन्हें संसद सदस्य स्वयं चुनते हैं। स्टेट ग्रेट खुराल के प्रमुख कार्य हैं: कानून बनाना और संशोधन करना राष्ट्रीय बजट पारित करना प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति की पुष्टि करना विदेश नीति और अंतरराष...

SUKHBATAAR SQUARE

  सुखबातार स्क्वायर (Sukhbaatar Square)  सुखबातार स्क्वायर मंगोलिया की राजधानी उलान बातोर के केंद्र में स्थित एक प्रमुख ऐतिहासिक और राजनीतिक स्थल है। यह चौक मंगोलिया के राष्ट्रीय नायक दामदीन सुखबातार (Damdin Sukhbaatar) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 1921 में मंगोलिया को चीन के शासन से स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस चौक के बीचों-बीच सुखबातार की अश्वारूढ़ प्रतिमा स्थित है, जो उनकी वीरता और देशभक्ति की याद दिलाती है। यह प्रतिमा 1946 में स्थापित की गई थी और तब से यह चौक राष्ट्रीय गर्व और स्वतंत्रता का प्रतीक बन चुका है। सुखबातार स्क्वायर के चारों ओर मंगोलिया के कई महत्वपूर्ण सरकारी और सांस्कृतिक भवन स्थित हैं, जैसे: मंगोलिया की संसद (State Great Khural) चंगेज़ ख़ान की विशाल प्रतिमा और स्मारक भवन राष्ट्रीय संग्रहालय सरकारी महल (Government Palace) यह चौक न केवल राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि यहाँ राष्ट्रीय समारोह, परेड, उत्सव और विरोध-प्रदर्शन भी आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस, राज्य प्रमुखों का स्वागत और अन्य सरकारी कार्यक्रम यहीं ह...

MEGJID JANRAISIG

  मेगजिद जनरायसिग (Megjid Janraisig) मेगजिद जनरायसिग (Megjid Janraisig) मंगोलिया की राजधानी उलान बातोर में स्थित गंदान मठ (Gandan Monastery) का प्रमुख और सबसे आकर्षक हिस्सा है। यह एक विशाल बुद्ध प्रतिमा है, जो अवलोकितेश्वर (बौद्ध करुणा के देवता) के रूप में पूजित होती है। "जनरायसिग" शब्द तिब्बती "Chenrezig" का मंगोल रूप है, जो संस्कृत के "अवलोकितेश्वर" से लिया गया है। यह प्रतिमा लगभग 26.5 मीटर (87 फीट) ऊँची है और इसे तांबे, सोने और अन्य धातुओं से बनाया गया है। इसकी सजावट में बहुमूल्य रत्न और रेशमी वस्त्रों का भी प्रयोग हुआ है। प्रतिमा को इस प्रकार बनाया गया है कि यह बौद्ध धर्म में करुणा और रक्षण की शक्ति का प्रतीक बने। इतिहास के अनुसार, पहली जनरायसिग प्रतिमा 1911 में बनवाई गई थी, लेकिन सोवियत शासन के दौरान 1937 में उसे नष्ट कर दिया गया। इसके बाद, मंगोलिया में जब धार्मिक स्वतंत्रता दोबारा लौटी, तब 1990 के दशक में इस प्रतिमा का पुनर्निर्माण किया गया। यह कार्य मंगोल लोगों की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक बन गया। इस प्रतिमा के चारों...

OTGON TENGER

  ओटगॉन तेंगेरी (Otgon Tenger)  ओटगॉन तेंगेरी मंगोलिया के खांगई पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊँची चोटी है। यह चोटी लगभग 4,008 मीटर (13,156 फीट) ऊँची है और मंगोलिया के ज़वखान (Zavkhan) प्रांत में स्थित है। “ओटगॉन तेंगेरी” का अर्थ मंगोल भाषा में होता है — “पवित्र स्वर्ग” या “शुद्ध आकाश”। यह चोटी मंगोलियाई लोगों के लिए न केवल प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत पूजनीय मानी जाती है। ओटगॉन तेंगेरी की विशेषता यह है कि यह खांगई पर्वतमाला की एकमात्र ऐसी चोटी है जो हमेशा बर्फ से ढकी रहती है। यहाँ का प्राकृतिक वातावरण अत्यंत सुंदर और शांत है। घने जंगल, घास के मैदान, झरने और झीलें इस क्षेत्र की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। पर्वत के निकट स्थित ओटगॉन तेंगेरी राष्ट्रीय उद्यान (Otgon Tenger Strictly Protected Area) को पर्यावरण संरक्षण के लिए सुरक्षित घोषित किया गया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, ओटगॉन तेंगेरी पर्वत एक पवित्र आत्मा या देवता का निवास स्थान है। यहाँ के लोग इस पर्वत की पूजा करते हैं और इसे अपवित्र या नुकसान पहुँचाना वर्जित मानते ...

KHANGAI MOUNTAIN

  खांगई पर्वत (Khangai Mountains)  खांगई पर्वत मंगोलिया के मध्य और पश्चिमी भाग में फैला हुआ एक प्रमुख पर्वत श्रेणी है। यह पर्वत न केवल मंगोलिया के भूगोल में महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यधिक महत्ता है। खांगई पर्वत लगभग 400 किलोमीटर में फैला हुआ है और इसकी औसत ऊँचाई 2,000 से 3,000 मीटर के बीच होती है। इस पर्वत की सबसे ऊँची चोटी ओटगॉन तेंगेरी (Otgon Tenger) है, जिसकी ऊँचाई लगभग 4,008 मीटर है। यह चोटी बर्फ से ढकी रहती है और स्थानीय लोगों के लिए एक पवित्र स्थान मानी जाती है। खांगई पर्वत से मंगोलिया की कई प्रमुख नदियाँ उत्पन्न होती हैं, जिनमें ओरखोन नदी और सेलेंगा नदी प्रमुख हैं। यह क्षेत्र जलवायु और वनस्पति की दृष्टि से भी समृद्ध है। यहाँ घास के मैदान, जंगल, झीलें और झरने पाए जाते हैं, जो इसे एक सुंदर और आकर्षक प्राकृतिक स्थल बनाते हैं। इतिहास की दृष्टि से, खांगई क्षेत्र मंगोलिया की प्राचीन सभ्यताओं का केंद्र रहा है। इसी क्षेत्र के आसपास चंगेज़ ख़ान की राजधानी कराकोरम स्थित थी। इसके अलावा, यह क्षेत्र बौद्ध मठों और शमानी (Sha...

ORKHAN RIVER

  गंदान मठ (Gandan Monastery)  गंदान मठ, जिसे गंदान तेगचिनलिंग मठ (Gandantegchinlen Monastery) के नाम से भी जाना जाता है, मंगोलिया की राजधानी उलान बातोर में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ है। यह मठ मंगोलिया के सबसे बड़े और प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और मंगोलियाई बौद्ध धर्म का केंद्र माना जाता है। गंदान मठ की स्थापना 1835 ईस्वी में की गई थी। यह मठ तिब्बती बौद्ध परंपरा से जुड़ा है, विशेष रूप से गेलुग संप्रदाय से। "गंदान" शब्द तिब्बती भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "पूर्ण आनंद का स्थान"। यह मठ मंगोलियाई लोगों की आध्यात्मिक आस्था और धार्मिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। सोवियत शासन के दौरान 20वीं शताब्दी में मंगोलिया में अनेक बौद्ध मठों को नष्ट कर दिया गया था, लेकिन गंदान मठ को सीमित रूप से धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी गई, जिससे यह मठ उस दौर में भी अस्तित्व में बना रहा। 1990 के बाद, मंगोलिया में धार्मिक स्वतंत्रता पुनः स्थापित होने पर गंदान मठ को पुनर्जीवित किया गया और आज यह बौद्ध धर्म का जीवंत प्रतीक बन चुका है। इस मठ का मुख्य आकर्षण मेगजिद जनरायस (...

GANDAN MONASTERY

  गंदान मठ (Gandan Monastery)  गंदान मठ, जिसे गंदान तेगचिनलिंग मठ (Gandantegchinlen Monastery) के नाम से भी जाना जाता है, मंगोलिया की राजधानी उलान बातोर में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ है। यह मठ मंगोलिया के सबसे बड़े और प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और मंगोलियाई बौद्ध धर्म का केंद्र माना जाता है। गंदान मठ की स्थापना 1835 ईस्वी में की गई थी। यह मठ तिब्बती बौद्ध परंपरा से जुड़ा है, विशेष रूप से गेलुग संप्रदाय से। "गंदान" शब्द तिब्बती भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "पूर्ण आनंद का स्थान"। यह मठ मंगोलियाई लोगों की आध्यात्मिक आस्था और धार्मिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। सोवियत शासन के दौरान 20वीं शताब्दी में मंगोलिया में अनेक बौद्ध मठों को नष्ट कर दिया गया था, लेकिन गंदान मठ को सीमित रूप से धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी गई, जिससे यह मठ उस दौर में भी अस्तित्व में बना रहा। 1990 के बाद, मंगोलिया में धार्मिक स्वतंत्रता पुनः स्थापित होने पर गंदान मठ को पुनर्जीवित किया गया और आज यह बौद्ध धर्म का जीवंत प्रतीक बन चुका है। इस मठ का मुख्य आकर्षण मेगजिद जनरायस (...

NAADAM

  नादाम (Naadam)  नादाम मंगोलिया का एक प्रमुख पारंपरिक त्यौहार है, जो वहां की संस्कृति, इतिहास और खेलों का प्रतीक है। यह उत्सव प्रतिवर्ष जुलाई महीने में आयोजित किया जाता है और इसे 'तीन पुरुषोचित खेलों' का उत्सव भी कहा जाता है — कुश्ती, घुड़दौड़ और तीरंदाजी। यह त्यौहार न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि मंगोलियाई लोगों की वीरता, परंपरा और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है। नादाम का आयोजन मुख्यतः मंगोलिया की राजधानी उलान बातोर में होता है, लेकिन इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इस उत्सव की शुरुआत रंगारंग परेड और पारंपरिक पोशाकों में सजधज कर निकाली गई झांकियों से होती है। इसके बाद विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं होती हैं, जिनमें लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। तीन प्रमुख खेलों में से कुश्ती सबसे प्रमुख है। इसमें प्रतियोगी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर एक-दूसरे से मुकाबला करते हैं। कुश्ती का उद्देश्य सामने वाले को जमीन पर गिराना होता है। दूसरा खेल घुड़दौड़ है, जिसमें बच्चे घुड़सवार होते हैं और ये दौड़ कई किलोमीटर लंबी होती है। इससे बच्चों की बहादुरी और घोड़ों की ता...

TUUL RIVER

तूला नदी  तूला नदी (Tuul River) मंगोलिया की एक प्रमुख नदी है, जो देश की राजधानी उलान बातर से होकर बहती है। यह नदी न केवल मंगोलिया के पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। भौगोलिक स्थिति तूला नदी मंगोलिया के खगाई पर्वतों (Khangai Mountains) से उत्पन्न होती है और पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। इसकी कुल लंबाई लगभग 704 किलोमीटर है। यह नदी अंततः ओरखोन नदी (Orkhon River) में मिल जाती है, जो आगे जाकर सेलेंगा नदी में समाहित होती है और रूस के बायकाल झील तक पहुँचती है। महत्त्व तूला नदी उलान बातर के लिए जीवनदायिनी मानी जाती है। यह शहर की जल आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है। इसके किनारे बसे क्षेत्रों में कृषि, मवेशी पालन और मानव बस्तियाँ विकसित हुई हैं। इसके अलावा, यह नदी बौद्ध परंपराओं और लोक संस्कृति में भी पवित्र मानी जाती है। पर्यावरणीय संकट पिछले कुछ दशकों में तूला नदी पर मानव दबाव बढ़ा है। जल प्रदूषण, शहरी कचरा, और अवैध खनन ने नदी की गुणवत्ता को काफी हानि पहुँचाई है। विशेष रूप से सोने की खदानों से ...

ULAANBAATAR

उलान बातर  उलान बातर , जिसे कभी-कभी उलान बटोर भी कहा जाता है, मंगोलिया की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह देश का राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक केंद्र है। यह शहर मंगोलिया के उत्तर-पूर्वी भाग में तूला नदी के किनारे बसा हुआ है और चारों ओर पहाड़ों से घिरा हुआ है। इतिहास उलान बातर की स्थापना 17वीं शताब्दी में एक बौद्ध धार्मिक केंद्र के रूप में हुई थी। पहले इसे "उरगा" कहा जाता था। 1924 में मंगोलिया के समाजवादी गणराज्य बनने के बाद इसका नाम बदलकर "उलान बातर" रखा गया, जिसका अर्थ है "लाल नायक" – यह नाम साम्यवादी विचारधारा से प्रेरित था। भूगोल और जलवायु उलान बातर एक अत्यंत ठंडा शहर है। यह दुनिया की सबसे ठंडी राजधानी मानी जाती है। सर्दियों में तापमान -40°C तक गिर सकता है। गर्मियों में मौसम कुछ गर्म होता है, लेकिन वर्षा कम होती है। यहाँ की जलवायु महाद्वीपीय है – यानि अत्यधिक ठंडी सर्दियाँ और गर्म ग्रीष्म ऋतु। जनसंख्या और जीवनशैली उलान बातर की जनसंख्या लगभग 15 लाख के आसपास है, जो मंगोलिया की कुल जनसंख्या का लगभग आधा हिस्सा है। यहाँ पारंपरिक खानाबद...

MANGOLIA

मंगोलिया  मंगोलिया एशिया महाद्वीप का एक  (landlocked) देश है, जो रूस और चीन के बीच स्थित है। इसका कोई समुद्र तट नहीं है, लेकिन यह प्राकृतिक सुंदरता, विस्तृत घास के मैदानों (steppe), ऐतिहासिक महत्व और खानाबदोश संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इसकी राजधानी उलान बातर (Ulaanbaatar) है, जो देश का सबसे बड़ा शहर भी है। भूगोल और जलवायु मंगोलिया का अधिकांश भाग पठारी और शुष्क है। देश में विशाल रेगिस्तान जैसे गोबी रेगिस्तान (Gobi Desert) भी स्थित है। यहाँ की जलवायु अत्यंत ठंडी और शुष्क है। सर्दियों में तापमान -30°C से भी नीचे चला जाता है, जबकि गर्मियों में कुछ क्षेत्रों में तापमान 30°C तक पहुँच जाता है। वर्षा बहुत कम होती है, इसलिए यह अर्ध-रेगिस्तानी इलाका माना जाता है। इतिहास मंगोलिया का इतिहास अत्यंत समृद्ध और गर्व से भरा हुआ है। 13वीं शताब्दी में मंगोल योद्धा चंगेज़ ख़ान (Genghis Khan) ने मंगोल साम्राज्य की स्थापना की थी, जो उस समय का सबसे बड़ा साम्राज्य बन गया। उन्होंने एशिया से लेकर यूरोप तक कई क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की थी। मंगोलिया को 20वीं सदी में सोवियत संघ के प्रभाव में सम...

MANDALAY HILL

मांडले हिल: आध्यात्मिक ऊँचाई और सुंदर दृश्य मांडले हिल (Mandalay Hill) म्यांमार के मांडले शहर के उत्तर में स्थित एक प्रसिद्ध पहाड़ी स्थल है। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहाँ से मांडले शहर और इरावदी नदी का विहंगम दृश्य भी देखा जा सकता है। मांडले हिल पर्यटकों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए अत्यंत प्रिय स्थल है। धार्मिक महत्त्व मांडले हिल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। मान्यता है कि स्वयं भगवान बुद्ध ने इस पहाड़ी की ओर इशारा कर भविष्यवाणी की थी कि यहाँ एक महान बौद्ध शहर बसेगा – और वही आज का मांडले है। पहाड़ी पर चढ़ते समय रास्ते में अनेक छोटे-बड़े बौद्ध मंदिर , स्तूप और शांत ध्यान स्थल मिलते हैं। प्रमुख स्थल Sutaungpyei Pagoda : यह मांडले हिल की चोटी पर स्थित प्रमुख मंदिर है। इसका अर्थ है "इच्छाएँ पूरी करने वाला मंदिर"। श्वेयान पगोडा (Shweyattaw Buddha) : यह पहाड़ी के मध्य भाग में स्थित है, जहाँ भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति दक्षिण दिशा की ओर इंगित करती है। यात्रा का अनुभव पहाड़ी की चोटी तक पहुँचने के लिए सीढ़ियों...

U BEIN BRIDGE MYANMAR

उ बैन ब्रिज: म्यांमार की लकड़ी की विरासत उ बैन ब्रिज (U Bein Bridge) म्यांमार के अमरपुरा (Amarapura) शहर में स्थित है, जो मांडले के पास है। यह पुल विश्व का सबसे लंबा और सबसे पुराना टीक लकड़ी (Teak Wood) से बना पुल माना जाता है। इसकी लंबाई लगभग 1.2 किलोमीटर है और यह Taungthaman झील के ऊपर बना हुआ है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इस पुल का निर्माण 1850 के आसपास किया गया था। इसका नाम उस समय के मेयर उ बैन (U Bein) के नाम पर रखा गया, जिन्होंने पुराने मांडले पैलेस की टीक लकड़ियों का पुनः उपयोग करके यह पुल बनवाया। यह पुल आज भी मूल संरचना के साथ खड़ा है, जो म्यांमार की पारंपरिक कारीगरी और इंजीनियरिंग कौशल को दर्शाता है। दैनिक जीवन और स्थानीय संस्कृति उ बैन ब्रिज न केवल एक पर्यटक स्थल है, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन का भी हिस्सा है। हर दिन किसान, छात्र, भिक्षु और व्यापारी इस पुल से आना-जाना करते हैं। सुबह और शाम के समय यहाँ का दृश्य बहुत जीवंत होता है। पर्यटन और फ़ोटोग्राफ़ी यह पुल विशेष रूप से सूर्योदय और सूर्यास्त के समय देखने लायक होता है। झील पर पड़ती सूरज की रोशनी और पुल की छाया एक ...

SHAN PALACE HSIPAW

शान पैलेस: सिपॉ का राजसी इतिहास शान पैलेस म्यांमार के शान राज्य के सिपॉ (Hsipaw) शहर में स्थित एक ऐतिहासिक भवन है। यह महल शान राजाओं (Saophas) का निवास स्थान था और शान संस्कृति, राजनीति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यह महल आज भी सिपॉ के गौरवशाली अतीत की कहानी सुनाता है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि शान पैलेस का निर्माण 1920 के दशक में किया गया था। यह शान राजाओं का निवास था जो ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान भी स्थानीय शासन चलाते थे। अंतिम शासक साओ के ले और उनकी जर्मन पत्नी महाजामा यहाँ निवास करते थे। 1962 में जनरल ने विन के सैन्य शासन के बाद शान राजशाही को समाप्त कर दिया गया, और महल पर सरकारी नियंत्रण हो गया। स्थापत्य और संरचना शान पैलेस एक सुंदर यूरोपीय शैली की इमारत है, जिसमें लाल ईंटों से बनी दीवारें, ऊँची छतें और बड़ा आँगन है। महल को एक बगीचे और हरियाली से घेरा गया है, जो इसे शाही और शांतिपूर्ण रूप देता है। आज भी महल के कुछ भागों को देखना संभव है, विशेष रूप से तब जब महल के पूर्व परिवार के सदस्य पर्यटकों को व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन देते हैं। सांस्कृतिक महत्त्व शान पै...

DOKEHTAWADI RIVER

दोखतावाडी नदी: सिपॉ की जीवनधारा दोखतावाडी नदी (Dokehtawadi River), जिसे स्थानीय रूप में कभी-कभी सिपॉ नदी भी कहा जाता है, म्यांमार के शान राज्य के सिपॉ (Hsipaw) क्षेत्र से होकर बहने वाली एक शांत और सुंदर नदी है। यह नदी स्थानीय लोगों के जीवन, कृषि, संस्कृति और पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्राकृतिक सौंदर्य दोखतावाडी नदी हरे-भरे पहाड़ों और जंगलों के बीच से बहती है। इसके किनारे छोटे-छोटे खेत, गाँव और बौद्ध मठ बसे हुए हैं। सुबह और शाम के समय जब सूर्य की किरणें पानी पर पड़ती हैं, तो नदी का दृश्य अत्यंत मनमोहक हो जाता है। नौका विहार और सैर यह नदी सिपॉ के पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है क्योंकि यहाँ नौका विहार (Boat Ride) का अनुभव अत्यंत शांति और सादगी से भरपूर होता है। लकड़ी की पारंपरिक नावों में बैठकर पर्यटक नदी की सैर करते हैं, गाँवों को देखते हैं, और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हैं। नदी के किनारे-किनारे चलना या साइकिलिंग करना भी एक शांतिपूर्ण अनुभव होता है। स्थानीय जीवन से जुड़ाव दोखतावाडी नदी स्थानीय लोगों के लिए जल, सिंचाई और मत्स्य पालन का स्रोत है। यहाँ के गाँवों में न...

LITTLE BOAT GARDEN MYANMAR

लिटिल बोट गार्डन: सिपॉ का शांत और सुंदर बौद्ध स्थल लिटिल बोट गार्डन म्यांमार के सिपॉ (Hsipaw) शहर के पास स्थित एक सुंदर और शांत बौद्ध स्थल है। यह एक छोटा-सा बगीचा है, जिसमें कई छोटे मंदिर (पगोडा), बौद्ध मूर्तियाँ और रंग-बिरंगे सजावटी झंडे लगे होते हैं। यह स्थल पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों के लिए ध्यान, शांति और आत्मिक अनुभव का केंद्र माना जाता है। बौद्ध वातावरण और मूर्तियाँ इस बगीचे में कई छोटी-बड़ी बुद्ध मूर्तियाँ, नक्काशीदार स्तूप और प्रतीकात्मक संरचनाएँ मौजूद हैं। ये सभी मूर्तियाँ बौद्ध धर्म की शिक्षाओं और कहानियों को दर्शाती हैं। बगीचे के चारों ओर हरियाली, फूलों की क्यारियाँ और पेड़-पौधे इस स्थान को अत्यंत शांतिपूर्ण बनाते हैं। ध्यान और आत्मिक शांति लिटिल बोट गार्डन ध्यान लगाने और मानसिक शांति पाने के लिए आदर्श स्थल है। यहाँ अक्सर स्थानीय बौद्ध भिक्षु ध्यान करते हुए देखे जा सकते हैं। पर्यटक भी यहाँ कुछ समय बैठकर वातावरण की शांति का अनुभव करते हैं और प्रकृति के साथ एकात्मता महसूस करते हैं। स्थानीय संस्कृति का अनुभव यह स्थान केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि शान संस्कृति और ...

HSIPAW MYANMAR

सिपॉ (Hsipaw): म्यांमार का शांत पहाड़ी शहर सिपॉ म्यांमार के शान राज्य में स्थित एक छोटा, शांत और सुंदर पहाड़ी नगर है। यह शहर अपने प्राकृतिक सौंदर्य, हरे-भरे पहाड़ों, नदी घाटियों और पारंपरिक शान संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान विशेष रूप से उन पर्यटकों को आकर्षित करता है जो भीड़-भाड़ से दूर एक शांत और स्थानीय जीवनशैली का अनुभव लेना चाहते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य और ट्रेकिंग सिपॉ अपनी ट्रेकिंग (पैदल यात्रा) के लिए जाना जाता है। यहाँ से पर्यटक पास के गाँवों तक जंगलों, खेतों और पहाड़ी रास्तों के माध्यम से पैदल यात्रा करते हैं। इस दौरान वे स्थानीय जनजातियों के घरों में रुकते हैं और उनकी संस्कृति, भोजन और जीवनशैली का अनुभव करते हैं। दोकर नदी और सूर्यास्त शहर के पास बहने वाली दोकर नदी (Dokehtawadi River) एक प्रमुख आकर्षण है। नदी किनारे की सैर, नाव की सवारी और सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। यहाँ का वातावरण शांत और शुद्ध है। सांस्कृतिक अनुभव सिपॉ में पारंपरिक शान बाज़ार, स्थानीय मंदिर और पुराने मठ देखने को मिलते हैं। यहाँ का "लिटिल बोट गार्डन" और पुराने शान शा...

GOLDEN ROCK MYANMAR

गोल्डन रॉक: आस्था और चमत्कार का प्रतीक गोल्डन रॉक, जिसे स्थानीय भाषा में क्याइक्तीयो पगोडा (Kyaiktiyo Pagoda) कहा जाता है, म्यांमार का एक अत्यंत प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह स्थान यंगून से लगभग 200 किलोमीटर दूर, मोन राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है। यह चट्टान एक विशाल ग्रेनाइट पत्थर है, जो एक ऊँचे पर्वत के किनारे पर बहुत ही असंभव संतुलन में स्थित है। यह ऐसा प्रतीत होता है मानो यह कभी भी गिर सकती है, लेकिन सदियों से यह ज्यों की त्यों टिकी हुई है। इस चट्टान को सोने की पत्तियों से ढका गया है, जिन्हें श्रद्धालु भक्त वर्षों से चढ़ाते आ रहे हैं। धार्मिक महत्त्व गोल्डन रॉक बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है। मान्यता है कि इस चट्टान को गिरने से रोकने के लिए इसमें भगवान बुद्ध के बाल का एक रेश भी सुरक्षित है। इसी कारण यह स्थान श्रद्धा, आस्था और चमत्कार का प्रतीक माना जाता है। यात्रा और अनुभव यह स्थान समुद्र तल से लगभग 1,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए पहले किन्नपुन (Kinpun) गाँव तक वाहन से जाना होता है, उसके बाद या तो पैदल यात्रा करनी पड़ती है...

MANDALAY

मांडले: म्यांमार की सांस्कृतिक राजधानी मांडले म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और यह देश की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। यह शहर इरावदी नदी के किनारे बसा हुआ है और इतिहास, धर्म, कला और शिल्प का प्रमुख केंद्र है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि मांडले की स्थापना 1857 में राजा मिंदोन द्वारा की गई थी। यह अंतिम शाही राजधानी थी, जब तक कि ब्रिटिश उपनिवेशवादियों ने 1885 में म्यांमार पर कब्ज़ा नहीं कर लिया। मांडले पैलेस (राजमहल) उस समय की वास्तुकला और शाही जीवनशैली का साक्षी है। प्रमुख आकर्षण मांडले हिल : यह पहाड़ी स्थल धार्मिक और पर्यटन दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। इसकी चोटी से पूरा शहर और इरावदी नदी का दृश्य दिखाई देता है। महामुनी बुद्ध मंदिर : यह मांडले का सबसे पूज्यनीय बौद्ध स्थल है। यहाँ की विशाल बुद्ध प्रतिमा पर भक्त प्रतिदिन सोने की परत चढ़ाते हैं। श्वेनांडॉ मठ (Shwenandaw Monastery) : यह सुंदर लकड़ी से बना मठ शाही महल का हिस्सा था और आज इसकी नक्काशी और वास्तुकला पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। उ बैन ब्रिज (U Bein Bridge) : यह दुनिया का सबसे लंबा और सबसे पुरा...

BAGAN MYANMAR

बागान: मंदिरों का शहर और म्यांमार की ऐतिहासिक धरोहर बागान म्यांमार का एक प्राचीन और ऐतिहासिक नगर है, जो म्यांमार के मंडाले क्षेत्र में स्थित है। यह स्थान अपनी हजारों बौद्ध मंदिरों, स्तूपों और मठों के लिए प्रसिद्ध है। बागान को कभी "म्यांमार का अँगकोर वाट" भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ की वास्तुकला और धार्मिक धरोहरें अद्भुत हैं। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बागान को 9वीं शताब्दी में पगान साम्राज्य की राजधानी बनाया गया था। 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच यह एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया। इस दौरान यहाँ लगभग 10,000 से अधिक धार्मिक संरचनाएँ बनाईं गईं, जिनमें से आज भी लगभग 2,000 मंदिर और स्तूप सुरक्षित हैं। प्रमुख आकर्षण बागान का मुख्य आकर्षण यहाँ फैले हुए प्राचीन मंदिर हैं। अंंदा मंदिर, धम्मयांगी मंदिर, श्वेसिगॉन पगोडा और थट्टबिन्यू मंदिर कुछ प्रमुख स्थल हैं। पर्यटक यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त के समय गर्म हवा के गुब्बारों से मंदिरों का दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। सांस्कृतिक अनुभव बागान न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि यह म्यांमार की पारंपरिक कला, चित्रकला, लकड़ी की ...

NGAPALI BEACH MYANMAR

नगपल्ली समुद्र तट: म्यांमार का शांत और सुंदर तटीय स्वर्ग नगपल्ली समुद्र तट म्यांमार के रखाइन राज्य में स्थित है और यह देश का सबसे प्रसिद्ध और सुंदर समुद्र तट माना जाता है। यह थांड्वे (Thandwe) नामक पुराने बंदरगाह शहर के पास स्थित है और बंगाल की खाड़ी से लगा हुआ है। सफेद रेत, नीला साफ पानी, और शांत वातावरण इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य नगपल्ली समुद्र तट लगभग 7 किलोमीटर लंबा है। यहाँ का पानी इतना साफ है कि समुद्र की गहराई तक झाँका जा सकता है। यहाँ बहुत अधिक भीड़-भाड़ नहीं होती, जिससे यह जगह एक शांत और निजी अनुभव देती है। नारियल के पेड़ और मछुआरों की नावें तट की शोभा को और बढ़ाते हैं। गतिविधियाँ और आकर्षण यहाँ पर्यटक तैराकी, धूप सेंकने, स्नॉर्कलिंग, कयाकिंग और साइकिलिंग जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। पास के गाँवों में जाकर स्थानीय जीवनशैली, मछुआरों का काम और समुद्री भोजन की ताजगी का अनुभव किया जा सकता है। समुद्र तट के पास कई रिसॉर्ट, होटल और समुद्री भोजन रेस्टोरेंट भी हैं, जो पर्यटकों को आरामदायक और आनंददायक अनुभव प्रदान करते हैं। कैसे पहुँचे नगपल्ल...

INLE LAKE MYANMAR

इनले झील: म्यांमार का जल स्वर्ग इनले झील म्यांमार के शान राज्य में स्थित है और यह देश की दूसरी सबसे बड़ी झील है। यह झील लगभग 22 किलोमीटर लंबी और 10 किलोमीटर चौड़ी है। पहाड़ों से घिरी यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता और अनोखी जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध है। अनोखी नाव चलाने की परंपरा इनले झील की सबसे अनोखी पहचान इसके मछुआरे हैं, जो एक पैर से नाव चलाते हैं। वे नाव की एक ओर खड़े होकर एक पैर से चप्पू चलाते हैं और दूसरे पैर से संतुलन बनाए रखते हैं। यह तकनीक दुनिया में और कहीं नहीं देखी जाती और यह इनथा जनजाति की परंपरा है। तैरते गाँव और बाग़ीचे इनले झील के ऊपर कई तैरते हुए गाँव और बाग़ीचे भी हैं। स्थानीय लोग झील के ऊपर बाँस और जलकुंभी से मंच बनाकर सब्ज़ियाँ उगाते हैं, जैसे टमाटर, ककड़ी, फूल आदि। ये तैरते खेत झील की सुंदरता और उपयोगिता को और बढ़ाते हैं। पर्यटन और संस्कृति झील के चारों ओर कई बौद्ध मंदिर, पगोडा, शिल्प बाजार और पारंपरिक बुनाई केंद्र स्थित हैं। यहाँ हर साल "इनले झील महोत्सव" (Phaung Daw Oo Festival) मनाया जाता है, जिसमें पारंपरिक नावों की रेस और धा...

PINDAYA CAVES MYANMAR

पिंडाया गुफाएँ: श्रद्धा और रहस्य का संगम पिंडाया गुफाएँ म्यांमार के शान राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं। ये गुफाएँ पिंडाया नामक एक छोटे और शांत पहाड़ी शहर के पास स्थित हैं, जो इनले झील से लगभग 45 किलोमीटर दूर है। यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। धार्मिक महत्त्व पिंडाया गुफाओं की विशेषता यह है कि यहाँ हजारों की संख्या में बुद्ध प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं। इन प्रतिमाओं की संख्या 8,000 से भी अधिक बताई जाती है। ये प्रतिमाएँ अलग-अलग आकार, मुद्राओं और धातुओं से बनी हैं – जैसे लकड़ी, संगमरमर, कांसा और सोना। श्रद्धालु यहाँ आकर बुद्ध की प्रतिमा स्थापित करने की परंपरा निभाते हैं, जो वर्षों से चली आ रही है। स्थापत्य और वातावरण गुफाएँ एक चूना-पत्थर की पहाड़ी में बनी हुई हैं और प्राकृतिक रूप से बनी संकरी सुरंगों और कक्षों में विभाजित हैं। गुफाओं के भीतर की दीवारों पर नमी, ठंडक और रहस्यमय वातावरण एक अलौकिक अनुभव प्रदान करता है। यहाँ कृत्रिम रोशनी की सहायता से गुफाओं को सजाया गया है, जिससे बुद्ध प्रतिमाएँ और भी सुंदर दिखाई देती हैं। ...

TOURIST PLACES OF MYANMAR

1. श्वेडागोन पगोडा (Shwedagon Pagoda), यांगून यह म्यांमार का सबसे पवित्र और प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर है। इसकी ऊँचाई लगभग 100 मीटर है और यह सोने से मढ़ा हुआ है। रात में जब यह रौशनी से जगमगाता है, तो एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। 2. बागान (Bagan) बागान एक प्राचीन नगर है जहाँ हजारों बौद्ध मंदिर और स्तूप फैले हुए हैं। यह स्थान विश्व धरोहर (UNESCO World Heritage) घोषित किया गया है। यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनमोहक होता है। 3. इनले झील (Inle Lake) यह म्यांमार की दूसरी सबसे बड़ी झील है। यहाँ नावों पर तैरते बाजार, तटों पर बसे गाँव, और अद्वितीय ‘लेग-रोइंग’ मछुआरे पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। 4. मांडले (Mandalay) मांडले म्यांमार की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। यहाँ मांडले हिल, महा मुनि बुद्ध मंदिर, और श्वेनांडॉ मठ दर्शनीय स्थल हैं। 5. गोल्डन रॉक (Golden Rock / Kyaiktiyo Pagoda) यह एक चमत्कारी चट्टान है जो किनारे पर संतुलित है और गिरती नहीं है। इसे बौद्ध धर्म का एक चमत्कार माना जाता है। चट्टान पर सोने की परत चढ़ाई गई है। 6. नेप्यीदा (Naypyidaw) म्य...

NAYPYIDAW

नेप्यीदा: म्यांमार की नई राजधानी नेप्यीदा (Naypyidaw), जिसका अर्थ है "राजाओं का निवास स्थान", म्यांमार की वर्तमान राजधानी है। यह यांगून से लगभग 320 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। वर्ष 2005 में म्यांमार की सैन्य सरकार ने राजधानी को यांगून से नेप्यीदा स्थानांतरित किया। हालांकि इस निर्णय के पीछे का कारण स्पष्ट रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन इसे प्रशासनिक, सामरिक और भौगोलिक दृष्टिकोण से उपयुक्त माना गया। नियोजित शहर नेप्यीदा एक नियोजित (Planned) शहर है। इसका निर्माण अत्याधुनिक ढंग से किया गया है, जहाँ चौड़ी सड़कें, अलग-अलग प्रशासनिक क्षेत्र, आवासीय इलाके, हरे-भरे पार्क, और विशाल सरकारी भवन हैं। यह शहर लगभग 7,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े राजधानी क्षेत्रों में से एक बनाता है। यहाँ की सड़कों की चौड़ाई इतनी अधिक है कि उन्हें देखकर यह विश्वास करना कठिन होता है कि यहाँ ट्रैफिक जाम हो सकता है। लेकिन वास्तव में, नेप्यीदा में आबादी बहुत कम है, और कई हिस्सों में बहुत कम जनसंख्या निवास करती है, जिससे शहर अक्सर "खाली राजधानी" भी कहा जाता ...

IRRAWADDYY RIVER

इरावदी नदी: म्यांमार की जीवनरेखा इरावदी नदी (Irrawaddy River),, म्यांमार की सबसे लंबी और सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह नदी देश की जीवनरेखा मानी जाती है क्योंकि यह न केवल सिंचाई और परिवहन का प्रमुख स्रोत है, बल्कि इसकी घाटी में देश की अधिकांश जनसंख्या भी बसती है। उद्गम और प्रवाह इरावदी नदी का उद्गम म्यांमार के उत्तरी भाग में हिमालय की तलहटी से होता है, जहाँ दो नदियाँ – न’मे (N’mai) और म’ले (M’lai) – आपस में मिलती हैं। यह नदी उत्तर से दक्षिण की ओर लगभग 2,170 किलोमीटर बहती है और म्यांमार के मध्य भाग को पार करती हुई बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है। इस नदी का डेल्टा क्षेत्र बहुत उपजाऊ है और यहाँ चावल की खेती बड़े पैमाने पर होती है। आर्थिक और सांस्कृतिक महत्त्व इरावदी नदी म्यांमार की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह नदी खेती के लिए जल प्रदान करती है, विशेषकर चावल की फसल के लिए। इसके अलावा, यह एक महत्त्वपूर्ण जलमार्ग भी है जिससे माल और यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचते हैं। यांगून और मांडले जैसे प्रमुख शहर इसी नदी के किनारे बसे हैं। इरावदी नदी बौद्ध धर्म औ...

SHWEDAGON PAGODA

श्वेडागोन पगोडा: म्यांमार की आध्यात्मिक पहचान श्वेडागोन पगोडा, जिसे "श्वेडागोन ज़ैदी" (Shwedagon Zedi) भी कहा जाता है, म्यांमार का सबसे पवित्र और प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप है। यह यांगून शहर की एक पहाड़ी पर स्थित है और दूर से ही इसकी सुनहरी चमक नजर आती है। यह पगोडा न केवल म्यांमार का धार्मिक प्रतीक है, बल्कि देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान भी है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि कहा जाता है कि श्वेडागोन पगोडा लगभग 2,600 वर्ष पुराना है, जिससे यह दुनिया के सबसे प्राचीन बौद्ध स्तूपों में से एक माना जाता है। एक किंवदंती के अनुसार, दो व्यापारी भाइयों ने बुद्ध से मिलकर उनके आठ बाल (धातु) प्राप्त किए थे। जब वे म्यांमार लौटे, तो इन बालों को एक स्तूप में स्थापित किया गया और यही पगोडा की उत्पत्ति मानी जाती है। हालांकि वर्तमान में जो संरचना है, वह मुख्य रूप से 15वीं शताब्दी में बनाई गई थी और समय-समय पर इसका पुनर्निर्माण तथा विस्तार होता रहा है। कई बार भूकंपों और युद्धों के दौरान यह क्षतिग्रस्त भी हुआ, लेकिन इसे बार-बार पुनः संवार दिया गया। स्थापत्य और विशेषताएँ श्वेडागोन पगोडा की ऊँचाई लगभग 112...

YANGON

यांगून: म्यांमार का ऐतिहासिक शहर यांगून, जिसे पहले रंगून (Rangoon) के नाम से जाना जाता था, म्यांमार का सबसे बड़ा और प्रमुख शहर है। यह म्यांमार की पूर्व राजधानी भी रह चुका है और आज भी देश का सबसे बड़ा व्यापारिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक केंद्र है। यह शहर देश के दक्षिणी भाग में स्थित है और इरावदी डेल्टा के निकट समुद्र के पास फैला हुआ है। यांगून की स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी, लेकिन इसका मुख्य विकास ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुआ। अंग्रेजों ने इसे अपनी राजधानी बनाया और यहाँ कई औपनिवेशिक शैली की इमारतों का निर्माण किया। आज भी यांगून की सड़कों पर चलने पर ब्रिटिश वास्तुकला की झलक मिलती है। इस शहर की सबसे प्रसिद्ध पहचान श्वेडागोन पगोडा (Shwedagon Pagoda) है, जो म्यांमार का सबसे पवित्र बौद्ध स्थल माना जाता है। यह लगभग 2,500 साल पुराना स्तूप है और इसके शीर्ष पर सोने की परत चढ़ी हुई है। यहाँ हर दिन हज़ारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। यांगून एक बहुसांस्कृतिक शहर है, जहाँ बर्मी, चीनी, भारतीय और अन्य समुदायों के लोग रहते हैं। यहाँ हिन्दू मंदिर, चर्च, मस्जिद और बौद्ध मठ – सभी देखने को मिलते...

MYANMAR

म्यांमार: एक परिचय म्यांमार, जिसे पहले बर्मा (Burma) के नाम से जाना जाता था, दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। यह भारत, बांग्लादेश, चीन, लाओस और थाईलैंड से घिरा हुआ है। इसकी राजधानी नायपीदॉ (Naypyidaw) है, जबकि सबसे बड़ा शहर और प्रमुख व्यापारिक केंद्र यांगून (Yangon) है। म्यांमार की जनसंख्या लगभग 5 करोड़ से अधिक है। यहाँ की मुख्य भाषा बर्मी (Burmese) है और अधिकतर लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं। इसके अलावा हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यक धर्मों के लोग भी यहाँ रहते हैं। इतिहास म्यांमार का इतिहास प्राचीन बर्मा साम्राज्यों से शुरू होता है, जिनमें सबसे प्रमुख पगन साम्राज्य (Pagan Empire) था। 19वीं शताब्दी में यह ब्रिटिश उपनिवेश बन गया और इसे ब्रिटिश इंडिया का हिस्सा बनाया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1948 में इसे स्वतंत्रता प्राप्त हुई। स्वतंत्रता के बाद म्यांमार में कई वर्षों तक सैन्य शासन रहा, और लोकतंत्र की दिशा में इसके कदम बहुत धीरे-धीरे बढ़े। राजनीति हाल के वर्षों में म्यांमार की राजनीति काफी अशांत रही है। 2015 में देश में लोकतांत्रिक चुनाव हुए और नोबेल शांति पुर...

SHANGHAI MUSEUM

शंघाई संग्रहालय (Shanghai Museum) शंघाई संग्रहालय चीन के सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध संग्रहालयों में से एक है। यह संग्रहालय शंघाई शहर के केंद्र में, पीपुल्स स्क्वायर (People’s Square) में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1952 में की गई थी, लेकिन इसका नया भवन 1996 में खोला गया था। यह संग्रहालय चीन की प्राचीन कला और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और प्रदर्शित करने के लिए जाना जाता है। शंघाई संग्रहालय का स्थापत्य बहुत ही अनोखा है। इसका गोल गुंबद और चौकोर आधार प्राचीन चीनी दर्शन “स्वर्ग गोल है और पृथ्वी चौकोर” (Heaven is round and Earth is square) को दर्शाता है। संग्रहालय की इमारत आधुनिक तकनीक और पारंपरिक वास्तुकला का सुंदर मेल है। इस संग्रहालय में दस प्रमुख गैलरी हैं, जिनमें चीनी कांस्य कला, सिरेमिक, चित्रकला, मूर्तिकला, कालigraphy, मुद्रा, अलंकरण, अल्पसंख्यक कला और फर्नीचर शामिल हैं। यहाँ लगभग 120,000 से अधिक ऐतिहासिक वस्तुएँ संरक्षित हैं। चीनी ब्रॉन्ज की गैलरी विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहाँ शांग और झोउ राजवंशों की दुर्लभ मूर्तियाँ और बर्तन देखे जा सकते हैं। शंघाई संग्रहालय न केवल इत...

JADE BUDDHA TEMPLE SHANGHAI

जेड बुद्धा टेम्पल (Jade Buddha Temple), शंघाई जेड बुद्धा टेम्पल शंघाई का एक प्रसिद्ध और पवित्र बौद्ध मंदिर है। यह मंदिर अपने शांत वातावरण, धार्मिक महत्व और विशेष रूप से जेड पत्थर से बनी भगवान बुद्ध की मूर्तियों के लिए जाना जाता है। इसकी स्थापना 1882 में हुई थी, जब एक चीनी भिक्षु हुवेईन (Huigen) ने म्यांमार (बर्मा) से दो सुंदर जेड पत्थर की बुद्ध प्रतिमाएँ चीन लाकर यहाँ स्थापित की थीं। मूल मंदिर को 1911 की क्रांति के दौरान क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, लेकिन बाद में 1928 में इसे फिर से बनाया गया। वर्तमान में यह मंदिर बौद्ध धर्म के चेन संप्रदाय से जुड़ा हुआ है और शंघाई के आध्यात्मिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मंदिर में दो प्रमुख जेड बुद्ध प्रतिमाएँ हैं – एक है बैठे हुए बुद्ध की मूर्ति, जो लगभग 1.9 मीटर ऊँची है और 1 टन से अधिक भारी है। यह मूर्ति भगवान बुद्ध के ध्यान मुद्रा में बैठने की अवस्था को दर्शाती है। दूसरी मूर्ति है लेटे हुए बुद्ध की, जो उनके निर्वाण (मोक्ष) की स्थिति को दर्शाती है। दोनों मूर्तियाँ अत्यंत कलात्मक और शांति प्रदान करने वाली हैं। मंदिर का वातावरण अत्यंत ...

PEOPLE'S SQUARE, SHANGHAI

पीपुल्स स्क्वायर (People’s Square), शंघाई पीपुल्स स्क्वायर शंघाई शहर का एक प्रमुख सार्वजनिक स्थल है, जो शहर के केंद्र में स्थित है। यह जगह राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र मानी जाती है। पहले यहाँ शंघाई रेसकोर्स हुआ करता था, लेकिन 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना के बाद इसे एक सार्वजनिक पार्क और प्रशासनिक केंद्र में बदल दिया गया। इस क्षेत्र के चारों ओर कई महत्वपूर्ण इमारतें और संस्थान स्थित हैं, जैसे शंघाई म्यूज़ियम , शंघाई ग्रैंड थियेटर , और शंघाई म्यूनिसिपल गवर्नमेंट ऑफिस । यहाँ एक विशाल हरियाली से भरा पार्क है जहाँ लोग सुबह की सैर, ताई ची, योग और अन्य स्वास्थ्यवर्धक गतिविधियाँ करते हैं। पीपुल्स स्क्वायर न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक विश्राम स्थल है, बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है। यहाँ पर सप्ताहांत में अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला प्रदर्शनियाँ और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पास में ही नानजिंग रोड की शुरुआत होती है, जिससे यह जगह और भी जीवंत हो जाती है। इस क्षेत्र की योजना और डिज़ाइन आधुनिकता और प्रकृति के संतुलन को द...

NANJING ROAD SHANGHAI

नानजिंग रोड (Nanjing Road) नानजिंग रोड शंघाई की सबसे प्रसिद्ध और व्यस्त शॉपिंग स्ट्रीट है। यह सड़क चीन की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय व्यावसायिक सड़कों में से एक मानी जाती है। इसकी लंबाई लगभग 5.5 किलोमीटर है और यह द बंड (The Bund) से शुरू होकर पीपुल्स स्क्वायर (People’s Square) तक जाती है। नानजिंग रोड को दो भागों में बाँटा गया है — नानजिंग ईस्ट रोड और नानजिंग वेस्ट रोड । नानजिंग ईस्ट रोड मुख्य रूप से पैदल यात्रियों के लिए आरक्षित है और यहाँ पर बड़ी संख्या में डिपार्टमेंटल स्टोर, ब्रांडेड दुकानों, रेस्तरां और कैफे हैं। रात के समय यह सड़क रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगा उठती है, और इसका नज़ारा अत्यंत आकर्षक होता है। यहाँ हजारों की संख्या में पर्यटक रोज़ाना घूमने और खरीदारी करने आते हैं। नानजिंग वेस्ट रोड अपेक्षाकृत अधिक आधुनिक और लक्ज़री ब्रांड्स का केंद्र है। यहाँ आपको अंतरराष्ट्रीय फैशन ब्रांड्स, फाइव-स्टार होटल्स और उच्च स्तर के शॉपिंग मॉल्स मिलेंगे। यह हिस्सा शहर के अधिक अमीर वर्ग और विदेशी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। नानजिंग रोड न केवल खरीदारी का केंद्र है, बल्कि यह शंघाई की जीव...

YU YUAN GARDEN

यू युआन गार्डन (Yu Yuan Garden) यू युआन गार्डन चीन के शंघाई शहर में स्थित एक ऐतिहासिक और सुंदर चीनी बाग है। यह गार्डन पुराने शहर (Old City) के पास स्थित है और शंघाई के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। “यू युआन” का अर्थ है “सुख और संतोष का बाग”, और इस बाग का निर्माण 1559 में मिंग वंश के समय पान यूडुआन (Pan Yunduan) नामक एक सरकारी अधिकारी द्वारा अपने माता-पिता की शांति और खुशी के लिए करवाया गया था। यह बाग लगभग 2 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इसमें पारंपरिक चीनी वास्तुकला की उत्कृष्टता देखने को मिलती है। बाग में सुंदर तालाब, पत्थरों की कलाकृतियाँ, चाय घर, पगोडा शैली की इमारतें, झील के ऊपर बने पुल और बांस के पेड़ों से भरे रास्ते हैं। यहाँ की सबसे प्रसिद्ध आकृति है "Exquisite Jade Rock", जो लगभग 5 टन की एक चूना पत्थर की चट्टान है और बेहद कलात्मक रूप में तराशी गई है। यू युआन गार्डन को छह मुख्य भागों में बाँटा गया है और हर भाग की अपनी एक अलग शैली और उद्देश्य है। इस बाग की दीवारों पर बनाए गए अजगर जैसे आकार के डिजाइन और परंपरागत नक्काशी पर्यटकों को चीन की सांस्कृ...

TOURIST PLACES OF SHANGHAI

शंघाई के प्रमुख पर्यटन स्थल (Tourist Places of Shanghai  द बंड (The Bund - Waitan) यह शंघाई की सबसे प्रसिद्ध नदी किनारे की सड़क है जहाँ यूरोपीय शैली की पुरानी इमारतें देखने को मिलती हैं। यहाँ से ह्वांगपु नदी (Huangpu River) और शहर के आधुनिक स्काईलाइन का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। ओरिएंटल पर्ल टॉवर (Oriental Pearl Tower) यह टॉवर शंघाई का एक प्रमुख लैंडमार्क है। इसमें घूमने वाला ग्लास फ्लोर, विज्ञान संग्रहालय, और एक शानदार व्यूइंग डेक है जहाँ से पूरा शहर देखा जा सकता है। यु युआन गार्डन (Yu Yuan Garden) यह एक ऐतिहासिक चीनी शैली का बाग है जो मिंग वंश के समय बनाया गया था। यहाँ पारंपरिक वास्तुकला, जल कुंड और शांति से भरा वातावरण पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है। शंघाई टॉवर (Shanghai Tower) यह चीन की सबसे ऊँची और दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची इमारत है। इसकी ऑब्जर्वेशन डेक से पूरे शहर का शानदार दृश्य दिखता है। नानजिंग रोड (Nanjing Road) यह शंघाई की सबसे प्रसिद्ध शॉपिंग स्ट्रीट है। दिन हो या रात, यह जगह रोशनी और चहल-पहल से भरी रहती है। शंघाई म्यूज़ियम (Shanghai Museum) ...

GENSLER

जेंसलर (Gensler) जेंसलर एक विश्व प्रसिद्ध वास्तुशिल्प, डिज़ाइन और शहरी नियोजन (urban planning) कंपनी है। इसकी स्थापना वर्ष 1965 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में आर्ट गेंसलर (Art Gensler), उसकी पत्नी ड्रू गेंसलर और उनके साझेदार जेम्स फुलर द्वारा की गई थी। आज यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी आर्किटेक्चर फर्मों में गिनी जाती है। Gensler का मुख्यालय अभी भी सैन फ्रांसिस्को में स्थित है, लेकिन इसके दुनिया भर में 50 से अधिक कार्यालय हैं और यह 100 से ज़्यादा देशों में अपने प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुकी है। कंपनी के पास लगभग 6,000 कर्मचारी हैं, जिनमें वास्तुकार, इंटीरियर डिज़ाइनर, प्लानर और इंजीनियर शामिल हैं। जेंसलर ने अनेक प्रतिष्ठित और आधुनिक इमारतों का डिज़ाइन तैयार किया है, जिनमें से एक है शंघाई टॉवर , जो दुनिया की सबसे ऊँची इमारतों में से एक है। इसके अलावा, इस कंपनी ने गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, एयरबस और कई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों तथा विश्वविद्यालयों के लिए भी कार्य किया है। Gensler टिकाऊ विकास (sustainable development) और पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन पर विशेष ध्यान देती है। यह कंपन...

SHANGHAI TOWER

शंघाई टॉवर शंघाई टॉवर चीन के शंघाई शहर में स्थित एक गगनचुंबी इमारत है। यह दुनिया की सबसे ऊँची इमारतों में से एक है और चीन की दूसरी सबसे ऊँची इमारत मानी जाती है। इसकी ऊँचाई लगभग 632 मीटर (2073 फीट) है और इसमें 128 मंजिलें हैं। इस टॉवर का निर्माण कार्य 2008 में शुरू हुआ था और 2015 में पूरा हुआ। इसे Gensler नामक एक अमेरिकी वास्तुशिल्प कंपनी द्वारा डिज़ाइन किया गया था। शंघाई टॉवर आधुनिक वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। इसकी घुमावदार संरचना इसे न केवल सुंदर बनाती है, बल्कि इसे तेज़ हवाओं से भी सुरक्षित बनाती है। इस टॉवर को पर्यावरण के अनुकूल (eco-friendly) तरीके से डिज़ाइन किया गया है। इसमें ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए सौर पैनल, पवन टरबाइन और वर्षा जल संचयन प्रणाली का उपयोग किया गया है। इस इमारत में दफ्तर, होटल, शॉपिंग मॉल और एक वेधशाला (observation deck) शामिल हैं, जहाँ से लोग पूरे शंघाई शहर का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। इसकी लिफ्टें दुनिया की सबसे तेज़ लिफ्टों में से एक हैं, जो यात्रियों को बहुत कम समय में ऊँचाई तक पहुँचाती हैं। शंघाई टॉवर सिर्फ एक इमारत नहीं है, यह चीन की प्रगत...

GRAND HYATT HOTEL

  ग्रैंड हयात होटल  परिचय: ग्रैंड हयात होटल विश्व प्रसिद्ध हयात होटल्स कॉर्पोरेशन की एक लग्ज़री होटल श्रृंखला (luxury hotel chain) है। यह होटल विश्वभर के प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों में स्थित हैं और अपने शानदार आतिथ्य, आधुनिक सुविधाओं और भव्यता के लिए जाने जाते हैं। ग्रैंड हयात होटल का उद्देश्य मेहमानों को “विलासिता और आराम” का बेहतरीन अनुभव देना होता है। इतिहास और विकास: हयात होटल्स की स्थापना 1957 में हुई थी, और ग्रैंड हयात ब्रांड को विशेष रूप से उच्च श्रेणी के ग्राहकों के लिए विकसित किया गया। पहला ग्रैंड हयात होटल अमेरिका में खोला गया था और इसके बाद यह श्रृंखला तेजी से दुनिया भर में फैल गई। आज, ग्रैंड हयात के होटल्स एशिया, यूरोप, अमेरिका, मध्य पूर्व और ऑस्ट्रेलिया सहित अनेक देशों में मौजूद हैं। प्रमुख विशेषताएँ: ग्रैंड हयात होटल्स की सबसे बड़ी विशेषता इनकी भव्यता और सेवाओं का उच्च स्तर है। इनमें आमतौर पर निम्नलिखित सुविधाएँ होती हैं: विशाल और सुंदर रूप से सुसज्जित कमरे और सुइट्स विश्वस्तरीय रेस्तरां और बार स्पा, फिटनेस सेंटर और स्विमिंग पूल अत्याधुनिक सम्मेलन क...

SKIDMORE OWINGS AND MERILL

परिचय: स्किडमोर, ओविंग्स एंड मेरिल (Skidmore, Owings & Merrill), जिसे संक्षेप में SOM कहा जाता है, विश्व की सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली वास्तुशिल्प (architecture) और इंजीनियरिंग कंपनियों में से एक है। यह कंपनी आधुनिक वास्तुकला की दुनिया में अपने अनूठे डिज़ाइन, तकनीकी उत्कृष्टता और पर्यावरणीय संतुलन के लिए जानी जाती है। स्थापना और इतिहास: SOM की स्थापना वर्ष 1936 में अमेरिका के शिकागो शहर में हुई थी। इसके तीन संस्थापक थे – लुई स्किडमोर (Louis Skidmore) , नाथनियल ओविंग्स (Nathaniel Owings) और बाद में जॉन मेरिल (John Merrill) इस टीम में शामिल हुए। इन तीनों ने मिलकर एक ऐसी कंपनी की नींव रखी, जिसने 20वीं और 21वीं सदी के वास्तुशास्त्र में क्रांति ला दी। प्रमुख परियोजनाएँ: SOM ने दुनिया भर में कई प्रसिद्ध इमारतों का डिज़ाइन तैयार किया है। इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएँ हैं: बुर्ज ख़लीफ़ा , दुबई – यह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत है, जिसे SOM ने डिज़ाइन किया है। वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर , न्यू यॉर्क – 9/11 के हमले के बाद बना यह टॉवर अमेरिका की ताकत और पुनर्निर्माण का प्रतीक है। ज़िन ...

ZIN MAO TOWER

  ज़िन माओ टॉवर  ज़िन माओ टॉवर चीन के सबसे प्रमुख और भव्य गगनचुंबी इमारतों में से एक है। यह टॉवर शंघाई शहर के लुजियाज़ुई (Lujiazui) वित्तीय ज़िले में स्थित है, जो कि पुडोंग क्षेत्र में आता है। इस इमारत का निर्माण आधुनिक वास्तुकला और पारंपरिक चीनी डिज़ाइन का एक अद्भुत संगम है। ज़िन माओ टॉवर का निर्माण कार्य 1994 में शुरू हुआ और इसे 1999 में पूरा किया गया। इसकी कुल ऊँचाई 421 मीटर (1,380 फीट) है और इसमें कुल 88 मंज़िलें हैं। यह संख्या चीन में शुभ मानी जाती है, क्योंकि “88” का उच्चारण चीनी भाषा में समृद्धि और भाग्य से जुड़ा हुआ है। इस इमारत का डिज़ाइन अमेरिकी वास्तुशिल्प कंपनी "Skidmore, Owings & Merrill" ने तैयार किया था। इसकी संरचना को इस प्रकार बनाया गया है कि यह भूकंप और तेज़ तूफ़ानों को भी सहन कर सके। टॉवर का बाहरी ढांचा स्टेनलेस स्टील और काँच से बना है, जो इसे अत्यधिक आधुनिक और आकर्षक बनाता है। ज़िन माओ टॉवर में कई तरह की सुविधाएँ मौजूद हैं। इसमें उच्च श्रेणी का ग्रैंड हयात होटल (Grand Hyatt Hotel) स्थित है, जो 53वीं से 87वीं मंज़िल तक फैला हुआ है। यह दुनिया के सबसे...

ORIENTAL PEARL TOWER

  ओरिएंटल पर्ल टॉवर (Oriental Pearl Tower)  ओरिएंटल पर्ल टॉवर (Oriental Pearl Tower) शंघाई का एक प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित स्मारक है। यह टॉवर शंघाई के पुडोंग (Pudong) क्षेत्र में हुआंगपू नदी के किनारे स्थित है और शहर के आधुनिक चेहरे का प्रतीक माना जाता है। इसकी अनोखी वास्तुकला, ऊँचाई और रंगीन प्रकाश इसे दुनिया के सबसे दर्शनीय स्थलों में से एक बनाते हैं। इस टॉवर का निर्माण 1991 में शुरू हुआ और 1994 में पूरा हुआ। इसकी कुल ऊँचाई लगभग 468 मीटर है, जिससे यह एक समय चीन का सबसे ऊँचा टॉवर था। अब भी यह चीन के सबसे ऊँचे टीवी और रेडियो टावरों में शामिल है। इसकी डिज़ाइन में 11 गोलाकार संरचनाएँ हैं जो एक रॉकेट या मोती की माला जैसी प्रतीत होती हैं — और इसी वजह से इसका नाम "पर्ल टॉवर" रखा गया। टॉवर में कई देखने योग्य स्तर (observation decks) हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय है 350 मीटर ऊँचाई पर स्थित "स्पेस मॉड्यूल", जहाँ से पूरे शंघाई शहर का 360-डिग्री दृश्य देखा जा सकता है। इसके अलावा 263 मीटर पर स्थित ग्लास फ्लोर व्यूइंग प्लेटफॉर्म से नीचे देखना रोमांचकारी अनुभव होता है। टॉवर में ए...

PUDONG, SHANGHAI

  पुडोंग (Pudong)  पुडोंग (Pudong) शंघाई का आधुनिक और अत्याधुनिक क्षेत्र है, जो हुआंगपू नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। यह इलाका कभी एक साधारण कृषि क्षेत्र हुआ करता था, लेकिन 1990 के दशक के बाद इसे चीन सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone) के रूप में विकसित करना शुरू किया। आज पुडोंग शंघाई का व्यापारिक, वित्तीय और तकनीकी केंद्र बन चुका है। पुडोंग की सबसे पहचान बनाने वाली चीज़ इसकी गगनचुंबी इमारतें हैं। यहाँ पर स्थित ओरिएंटल पर्ल टॉवर (Oriental Pearl Tower) एक रेडियो और टेलीविज़न टॉवर है जो अपनी अनोखी गोलाकार डिज़ाइन के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, शंघाई टॉवर , जो चीन की सबसे ऊँची और दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची इमारत है, और जिन माओ टॉवर भी इसी क्षेत्र में हैं। इन इमारतों से पूरे शहर का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। पुडोंग में विश्व स्तरीय शॉपिंग मॉल, लक्ज़री होटल, कॉन्फ़्रेंस सेंटर्स और वैश्विक बैंकों के मुख्यालय भी मौजूद हैं। यह क्षेत्र शंघाई स्टॉक एक्सचेंज का घर भी है, जिससे इसकी आर्थिक महत्ता और भी बढ़ जाती है। पुडोंग में परिवारों और पर्यटकों के लिए भी बहुत ...

THE BUND, SHANGHAI

  द बंड (The Bund)  द बंड (The Bund) शंघाई का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक नदी किनारा क्षेत्र है, जो हुआंगपू नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। यह शंघाई का सबसे आकर्षक और प्रतीकात्मक स्थान माना जाता है, जहाँ पर पुरानी यूरोपीय शैली की इमारतें और आधुनिक गगनचुंबी इमारतों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। बंड का इतिहास 19वीं सदी से जुड़ा है, जब शंघाई को विदेशी व्यापार के लिए खोला गया था। इसके बाद ब्रिटिश, फ्रेंच, अमेरिकी और अन्य पश्चिमी देशों के व्यापारी यहाँ बसने लगे। उन्होंने अपने बैंक, व्यापारिक भवन और वाणिज्यिक संस्थान इस क्षेत्र में बनाए, जो आज भी यहां खड़ीं हैं और “शंघाई का वास्तुशिल्प संग्रहालय” कहलाती हैं। यहाँ की प्रमुख इमारतों में कस्टम्स हाउस, HSBC बिल्डिंग और शंघाई क्लब शामिल हैं। ये सभी यूरोपीय शैली में बनी हैं और शंघाई की औपनिवेशिक विरासत को दर्शाती हैं। बंड के सामने नदी के दूसरी ओर पुडोंग क्षेत्र में आधुनिक इमारतें जैसे ओरिएंटल पर्ल टॉवर , शंघाई टॉवर , और अन्य स्काईस्क्रैपर्स स्थित हैं, जो अतीत और भविष्य का दृश्य एक साथ प्रस्तुत करते हैं। रात के समय द बंड का दृश्य अ...

SANGHAI

  शंघाई (Shanghai)  शंघाई चीन का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक शहर है, जो देश के पूर्वी तट पर स्थित है। यह यांग्त्ज़े नदी के डेल्टा पर बसा हुआ है और चीन का एक प्रमुख आर्थिक, वित्तीय, व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है। शंघाई को चीन का “आर्थिक इंजन” कहा जाता है क्योंकि यह देश की औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र है। शंघाई का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसका वास्तविक विकास 19वीं शताब्दी के मध्य में हुआ, जब चीन ने विदेशी व्यापार के लिए अपने बंदरगाह खोल दिए। इसके बाद यह शहर ब्रिटिश, फ्रेंच, अमेरिकी और जापानी व्यापारियों का प्रमुख केंद्र बन गया। इससे शंघाई एक अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में उभर कर सामने आया। आज भी इस शहर की वास्तुकला में पश्चिमी और चीनी संस्कृति का सुंदर मेल देखने को मिलता है। शंघाई की सबसे प्रसिद्ध जगहों में द बंड (The Bund) शामिल है, जो एक ऐतिहासिक नदी किनारे का इलाका है। यहाँ पर यूरोपीय शैली की पुरानी इमारतें और आधुनिक स्काईस्क्रैपर्स का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। दूसरी ओर, पुडोंग (Pudong) इलाका शंघाई का आधुनिक चेहरा है, ...

BEN THANH MARKET

  बेन थान मार्केट (Ben Thanh Market)  बेन थान मार्केट वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी (साइगॉन) का सबसे प्रसिद्ध और व्यस्त बाज़ार है। यह बाज़ार शहर के दिल में स्थित है और न केवल खरीदारी के लिए, बल्कि स्थानीय संस्कृति, भोजन और जीवनशैली को समझने के लिए भी एक प्रमुख स्थान माना जाता है। इसका निर्माण फ्रांसीसी उपनिवेशकाल के दौरान 1914 में किया गया था और यह आज भी सक्रिय रूप से संचालित हो रहा है। बेन थान मार्केट में लगभग 1500 से अधिक दुकानें और स्टॉल हैं जहाँ कपड़े, जूते, हैंडबैग, पारंपरिक वियतनामी टोपी (नॉन-ला), हस्तशिल्प, मसाले, ड्राय फ्रूट्स और सजावटी सामान मिलते हैं। यह बाज़ार सस्ते से महंगे हर तरह के उत्पादों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहाँ मोलभाव (bargaining) करना बेहद आम है। यह बाज़ार खाने के शौकीनों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ पर वियतनामी स्ट्रीट फूड जैसे 'फो', 'बन मी' (Banh Mi), चावल के पकवान, ताजे समुद्री भोजन और मिठाइयाँ आसानी से उपलब्ध हैं। बाजार के अंदर ही कई छोटी-छोटी भोजनशालाएं हैं जहाँ स्थानीय स्वाद का आनंद लिया जा सकता है। रात के समय यह मार्केट और...

PHO

  फो (Pho)  फो (Pho) वियतनाम का एक प्रसिद्ध पारंपरिक व्यंजन है, जो मुख्य रूप से एक प्रकार का नूडल सूप होता है। यह डिश वियतनामी भोजन संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और नाश्ते, दोपहर या रात के खाने में खाई जाती है। फो की उत्पत्ति उत्तरी वियतनाम में हुई थी, लेकिन आज यह पूरे देश में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी लोकप्रिय है। फो का मुख्य आधार है इसका सुगंधित और स्वादिष्ट शोरबा (broth)। यह शोरबा आमतौर पर बीफ़ या चिकन की हड्डियों को घंटों तक उबालकर बनाया जाता है, जिसमें दालचीनी, इलायची, लौंग, अदरक, और प्याज जैसी सुगंधित मसालों का उपयोग किया जाता है। इसके बाद इसमें चावल के नूडल्स (rice noodles), पतले कटे मांस के टुकड़े (जैसे बीफ़ या चिकन), हरे प्याज, धनिया, और कभी-कभी तुलसी और सेम की फली (bean sprouts) डाली जाती हैं। फो को खाते समय लोग अक्सर इसमें नींबू का रस, मिर्च सॉस (sriracha), या मछली सॉस डालकर स्वाद को अपनी पसंद के अनुसार बढ़ाते हैं। इसकी खास बात यह है कि इसका स्वाद हल्का, संतुलित और पोषण से भरपूर होता है। यह सूप सर्दियों में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है और पाचन क...

KU CHI TUNNELS

  कु ची सुरंगें (Ku Chi Tunnels)  कु ची सुरंगें वियतनाम की राजधानी हो ची मिन्ह सिटी (पूर्व नाम साइगॉन) के पास स्थित एक ऐतिहासिक स्थल हैं। ये सुरंगें वियतनाम युद्ध (1955–1975) के दौरान वियत कॉंग सैनिकों द्वारा बनाई गई थीं। इनका निर्माण शुरुआत में सुरक्षा और छिपने के लिए किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे ये एक पूर्ण भूमिगत नेटवर्क बन गईं जिसमें कमांड सेंटर, अस्पताल, रसोई, हथियार भंडारण और रहने की जगहें थीं। इस सुरंग तंत्र की लंबाई लगभग 250 किलोमीटर थी, जो वियतनाम के दक्षिणी भाग में फैली हुई थी। इन सुरंगों को इतनी चतुराई से बनाया गया था कि अमेरिकी सेना इन्हें ढूंढ़ नहीं पाती थी। वियत कॉंग सैनिक इन सुरंगों से अचानक बाहर आकर हमला करते थे और फिर वापस अंदर चले जाते थे। इससे अमेरिकी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा। कु ची सुरंगें संकीर्ण, अंधेरी और गर्म थीं, जिनमें रहना अत्यंत कठिन था। सैनिकों को साँस लेने के लिए विशेष वेंटिलेशन सिस्टम बनाया गया था। भोजन पकाने के लिए धुएँ को ज़मीन से बाहर न निकलने देने की व्यवस्था की गई थी ताकि दुश्मन सुरंगों का पता न लगा सके। आज कु ची सुरंगें एक प्रमुख ...

SAIGON PORT

साइगॉन पोर्ट: वियतनाम का प्रमुख बंदरगाह साइगॉन पोर्ट वियतनाम के दक्षिणी भाग में स्थित हो ची मिन्ह सिटी (पूर्व में साइगॉन) का एक प्रमुख और ऐतिहासिक बंदरगाह है। यह बंदरगाह साइगॉन नदी के किनारे स्थित है और वियतनाम के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार केंद्रों में से एक माना जाता है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि साइगॉन पोर्ट की स्थापना 1860 के दशक में फ्रांसीसी उपनिवेश शासन के दौरान की गई थी। यह बंदरगाह लंबे समय तक साइगॉन शहर के विकास और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र रहा है। यहाँ से चावल, रबर, समुद्री उत्पाद, और अन्य वस्तुएँ निर्यात की जाती थीं। आर्थिक महत्त्व साइगॉन पोर्ट वियतनाम के टॉप कंटेनर पोर्ट्स में गिना जाता है। यह बंदरगाह हो ची मिन्ह सिटी और दक्षिणी वियतनाम की अर्थव्यवस्था को गति देने में मुख्य भूमिका निभाता है। यहाँ से दुनिया के कई देशों के साथ आयात-निर्यात होता है, विशेष रूप से चीन, जापान, अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ। आधुनिक सुविधाएँ हाल के वर्षों में साइगॉन पोर्ट को आधुनिक टेक्नोलॉजी , कंटेनर टर्मिनल , और ऑटोमैटिक क्रेन सिस्टम से सुसज्जित किया गया ...

SAIGON RIVER

साइगॉन नदी: हो ची मिन्ह सिटी की जीवनरेखा साइगॉन नदी वियतनाम के दक्षिणी भाग में बहने वाली एक प्रमुख नदी है, जो हो ची मिन्ह सिटी (Ho Chi Minh City) के केंद्र से होकर गुजरती है। यह नदी न केवल प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है, बल्कि शहर के आर्थिक, परिवहन और सांस्कृतिक जीवन का भी अभिन्न हिस्सा है। भौगोलिक स्थिति साइगॉन नदी की लंबाई लगभग 230 किलोमीटर है। यह नदी कंबोडिया सीमा के पास से निकलती है और डोंग नाई नदी तथा बे थान नदी से मिलती है। अंततः यह नदी दक्षिण चीन सागर में मिल जाती है। आर्थिक और परिवहन महत्व साइगॉन नदी के किनारे स्थित होने के कारण हो ची मिन्ह सिटी एक महत्वपूर्ण बंदरगाही शहर बन गया है। यहाँ का साइगॉन पोर्ट वियतनाम का एक व्यस्ततम बंदरगाह है, जो आयात-निर्यात और व्यापार के लिए बेहद अहम है। नदी पर जल परिवहन भी आम है, जिसमें नाव टैक्सी , टूर बोट , और कार्गो जहाज़ चलते हैं। पर्यटन और सौंदर्य साइगॉन नदी के किनारे शाम के समय की रौनक देखने लायक होती है। पर्यटक यहाँ से डिनर क्रूज़ का आनंद लेते हैं, जिसमें वियतनामी भोजन, संगीत और नदी का दृश्य सब कुछ शामिल होता है...

HO CHI MINH CITY

हो ची मिन्ह सिटी: वियतनाम की आर्थिक राजधानी हो ची मिन्ह सिटी , जिसे पहले साइगॉन (Saigon) कहा जाता था, वियतनाम का सबसे बड़ा शहर और एक प्रमुख आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यह शहर देश के दक्षिणी भाग में स्थित है और साइगॉन नदी के किनारे बसा हुआ है। यहाँ की जनसंख्या लगभग 90 लाख से अधिक है, जो इसे वियतनाम का सबसे घनी आबादी वाला शहर बनाती है। इतिहास की झलक हो ची मिन्ह सिटी का इतिहास सदीयों पुराना है, लेकिन इसका आधुनिक रूप फ्रांसीसी उपनिवेश काल से जुड़ा है। 19वीं शताब्दी में यह क्षेत्र फ्रांसीसी शासन के अधीन आया और साइगॉन नाम से जाना गया। यह शहर फ्रांसीसी शासनकाल में "पूर्व का पेरिस" कहलाता था। वियतनाम युद्ध के बाद 1975 में जब उत्तरी वियतनाम ने दक्षिण वियतनाम पर विजय प्राप्त की, तब साइगॉन का नाम बदलकर "हो ची मिन्ह सिटी" रख दिया गया — वियतनामी क्रांति के नायक हो ची मिन्ह के सम्मान में। आधुनिक शहर और जीवनशैली आज हो ची मिन्ह सिटी वियतनाम की आर्थिक धड़कन है। यहाँ पर बड़ी-बड़ी कंपनियों के कार्यालय, अंतरराष्ट्रीय होटल, फैशन शोरूम, शॉपिंग मॉल, और ...

TET FESTIVAL

टेट त्योहार (Tết Festival): वियतनाम का नववर्ष टेट , जिसे Tết Nguyên Đán (टेट गुयेन दान) कहा जाता है, वियतनाम का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह वियतनामी चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है और इसे वियतनामी नववर्ष के रूप में जाना जाता है। यह त्योहार आमतौर पर जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में पड़ता है, और इसका समय चीनी नववर्ष के आसपास होता है। टेट का महत्व टेट केवल नया साल मनाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह पूर्वजों की पूजा , परिवार का पुनर्मिलन , और नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है। इस दौरान लोग बीते साल की परेशानियों को पीछे छोड़ते हुए नई उम्मीदों और शुभकामनाओं के साथ नया साल शुरू करते हैं। त्योहार की तैयारी टेट से पहले वियतनामी लोग अपने घरों की सफाई , सजावट और खरीदारी में व्यस्त रहते हैं। पारंपरिक फूल जैसे पीच ब्लॉसम (उत्तर वियतनाम) और एप्रिकॉट फूल (दक्षिण वियतनाम) से घरों को सजाया जाता है। लोग नए कपड़े , लाल लिफाफे (लिकी मनी) , और विशेष पकवान तैयार करते हैं। प्रमुख परंपराएँ और रीति-रिवाज पूर्वजों की पूजा : परिवारजन अपने पूर्वजों की आत्मा के सम्मान में भोजन...

OLD QUARTER HANOI

ओल्ड क्वार्टर, हनोई: संस्कृति और विरासत का जीवंत केंद्र ओल्ड क्वार्टर हनोई का सबसे पुराना और जीवंत क्षेत्र है, जो वियतनाम की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक धरोहर को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है। यह क्षेत्र होन कीएम झील (Hoan Kiem Lake) के उत्तर में स्थित है और 36 प्राचीन गलियों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें स्थानीय रूप से “ 36 phố phường ” कहा जाता है। इतिहास और विरासत ओल्ड क्वार्टर की उत्पत्ति 11वीं शताब्दी में हुई, जब यह क्षेत्र शाही राजधानी थांग लॉन्ग (Thăng Long) का व्यापारिक केंद्र था। यहाँ विभिन्न कारीगरों और व्यापारियों ने बसकर अपनी-अपनी गलियाँ बनाई थीं, जो उनके व्यवसायों के अनुसार नामित की गईं। जैसे – हांग बाक (चांदी की गली), हांग माओ (कपड़े की गली), और हांग डाओ (सिरेमिक की गली)। स्थापत्य और जीवनशैली ओल्ड क्वार्टर में आज भी कई पुरानी औपनिवेशिक इमारतें , संकीर्ण गलियाँ , और ट्यूब हाउस (लंबे और पतले घर) मौजूद हैं, जो हनोई के पारंपरिक स्थापत्य की झलक देते हैं। यहाँ की गलियाँ दिनभर रेहड़ी-पटरी , स्थानीय खानपान , हस्तशिल्प , और सड़क संगीत से भरी रहती हैं। पर्यट...

GIANG CAFE HANOI

गिआंग कैफे (Giang Café): हनोई की ऐतिहासिक कॉफी शाला गिआंग कैफे (Giang Café) वियतनाम की राजधानी हनोई में स्थित एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक कॉफी हाउस है। यह कैफे अपनी अनोखी और स्वादिष्ट एग कॉफी (Egg Coffee) के लिए जाना जाता है, जिसे आज पूरी दुनिया में वियतनामी पहचान के रूप में देखा जाता है। स्थापना और इतिहास गिआंग कैफे की स्थापना 1946 में Nguyen Van Giang नामक व्यक्ति ने की थी। वे उस समय सोफिटेल लीजेंड मेट्रोपोल होटल में एक बारटेंडर थे। जब वियतनाम में दूध की भारी कमी हो गई, तब उन्होंने एक रचनात्मक विचार अपनाया — दूध की जगह अंडे की जर्दी (egg yolk) और मीठा गाढ़ा दूध मिलाकर कॉफी बनाने की कोशिश की। उनकी इस कोशिश से जन्म हुआ – एग कॉफी का, जो जल्द ही हनोई के स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गई। इसके बाद उन्होंने खुद का छोटा कैफे शुरू किया, जिसे आज हम गिआंग कैफे के नाम से जानते हैं। कैफे का वातावरण और लोकेशन गिआंग कैफे हनोई के पुराने क्वार्टर (Old Quarter) में स्थित है। यह एक छिपी हुई सीढ़ियों वाली संकरी गली में होता है, जो इसे और भी रहस्यमय और खास बनाता है। ...

EGG COFFEE

एग कॉफी (Egg Coffee): वियतनाम की अनोखी मिठास एग कॉफी (Egg Coffee), वियतनाम की राजधानी हनोई की एक पारंपरिक और प्रसिद्ध पेय वस्तु है। यह विशेष प्रकार की कॉफी गाढ़ी ब्लैक कॉफी और फेंटे हुए अंडे की जर्दी (egg yolk) को मिलाकर बनाई जाती है। इसका स्वाद मीठा, मलाईदार और बेहद अनोखा होता है। इतिहास और उत्पत्ति एग कॉफी की शुरुआत 1946 में हुई थी, जब वियतनाम में दूध की कमी हो गई थी। गिआंग कैफे (Giang Café) के संस्थापक Nguyen Van Giang ने दूध की जगह अंडे की जर्दी और मीठा गाढ़ा दूध (condensed milk) मिलाकर एक नया प्रयोग किया। इस प्रयोग से जो पेय बना, वह बाद में हनोई की पहचान बन गया। बनाने की विधि एग कॉफी बनाने के लिए: अंडे की जर्दी को चीनी और कंडेन्स्ड मिल्क के साथ खूब फेंटा जाता है, जब तक वह हल्की और फूली हुई झागदार क्रीम में न बदल जाए। फिर इस क्रीम को गर्म, गाढ़ी ब्लैक कॉफी के ऊपर डाला जाता है। इसे छोटे कप में गर्म पानी के बाउल में रखा जाता है ताकि तापमान बना रहे। नतीजा होता है – एक ऐसा पेय जो क्रीमी, मीठा, गर्म और कॉफी से भरपूर होता है। विशेषता और लोकप्रियता यह कॉफी ख...

CONFUCIUS

कन्फ्यूशियस (Confucius): चीन के महान दार्शनिक और नैतिक शिक्षक कन्फ्यूशियस (Confucius), जिनका चीनी नाम कुंग फु-त्से (Kong Fuzi) था, प्राचीन चीन के एक महान दार्शनिक , शिक्षक , और नैतिक विचारक थे। उनका जन्म लगभग 551 ईसा पूर्व में लू राज्य (वर्तमान में शानदोंग प्रांत, चीन) में हुआ था। कन्फ्यूशियस ने उस समय के सामाजिक और राजनीतिक पतन को सुधारने के लिए नीतिशास्त्र, आचार, और मानवता पर आधारित विचारों को प्रस्तुत किया। मुख्य शिक्षाएँ और विचार कन्फ्यूशियस की शिक्षाएँ व्यक्तिगत आचरण , परिवारिक कर्तव्य , सामाजिक व्यवस्था , और नैतिक शासन पर आधारित थीं। उनकी सबसे प्रमुख शिक्षाएँ थीं: "रेन" (Ren) – मानवता और दया का भाव। "ली" (Li) – शिष्टाचार, रीति-रिवाज और सामाजिक व्यवहार। "झोंग" और "शिओ" (Zhong & Xiao) – निष्ठा और बड़ों के प्रति सम्मान (विशेषतः माता-पिता के लिए)। "ई" (Yi) – नैतिकता और न्याय का अनुसरण करना। उन्होंने यह सिखाया कि एक अच्छा समाज तभी बन सकता है जब व्यक्ति स्वयं नैतिक रूप से सही हो और शासक आदर्श आचरण प्रस्तुत क...

TEMPLE OF LITERATURE HANOI

साहित्य का मंदिर, हनोई (Temple of Literature, Hanoi) साहित्य का मंदिर (Temple of Literature) वियतनाम की राजधानी हनोई का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह मंदिर 1070 ई. में सम्राट लाइ थान टोंग (Lý Thánh Tông) द्वारा बनवाया गया था और इसे कन्फ्यूशियस (Confucius) — एक महान चीनी दार्शनिक और शिक्षक — को समर्पित किया गया था। यह स्थल वियतनाम का पहला राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भी रहा है, जिसे “Quốc Tử Giám” कहा जाता था। शिक्षा और विद्या का केंद्र यह मंदिर बौद्ध धर्म, ताओवाद और कन्फ्यूशियस विचारधारा के मेल का प्रतीक है। यहाँ वर्षों तक वियतनामी कुलीन वर्ग और विद्वान छात्रों को शिक्षा दी जाती थी। छात्रों को कन्फ्यूशियस की शिक्षाओं, साहित्य, दर्शन, और राजनीति की गहन जानकारी दी जाती थी। जो छात्र परीक्षाओं में उत्तीर्ण होते थे, उनके नाम पाषाण शिलाओं (stone steles) पर खुदवाए जाते थे, जो आज भी मंदिर परिसर में देखे जा सकते हैं। वास्तुकला और परिसर साहित्य का मंदिर पारंपरिक चीनी-वियतनामी स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। मंदिर में पाँच प्रांगण हैं, जो शांत बगीचों, तालाबों, पत्थर की मू...

HOAN KIEM LAKE

होआन कियेम झील (Hoan Kiem Lake): हनोई की आत्मा होआन कियेम झील (Hoan Kiem Lake), वियतनाम की राजधानी हनोई के केंद्र में स्थित एक सुंदर और ऐतिहासिक झील है। इसका नाम वियतनामी भाषा में "झील ऑफ द रिटर्नड स्वॉर्ड" (Lake of the Returned Sword) के अर्थ को प्रकट करता है। यह झील प्राकृतिक सौंदर्य , ऐतिहासिक महत्व , और सांस्कृतिक जीवन का केंद्र है, जिसे अक्सर "हनोई की आत्मा" कहा जाता है। इतिहास और किंवदंती होआन कियेम झील से जुड़ी एक प्रसिद्ध दंतकथा है। कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में राजा ले लई (Lê Lợi) को एक जादुई तलवार प्राप्त हुई थी, जिसकी मदद से उन्होंने चीन के मिंग साम्राज्य के खिलाफ जीत हासिल की। युद्ध के बाद जब राजा झील के किनारे नौका विहार कर रहे थे, तब एक विशाल कछुआ पानी से बाहर आया और तलवार वापस मांग ली। राजा ने तलवार कछुए को सौंप दी, और वह तलवार झील में समा गई। तभी से इस झील को "Hoan Kiem" , यानी "लौटाई गई तलवार की झील" कहा जाने लगा। मुख्य आकर्षण नगोक सॉन मंदिर (Ngoc Son Temple): झील के एक छोटे से द्वीप पर बना यह मंदिर 19वीं सद...

ONE PILLAR PAGODA HANOI

वन पिलर पगोडा (One Pillar Pagoda): हनोई की सांस्कृतिक धरोहर वन पिलर पगोडा (One Pillar Pagoda), जिसे वियतनामी में “Chùa Một Cột” कहा जाता है, वियतनाम की राजधानी हनोई में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह पगोडा अपने अद्वितीय वास्तुशिल्प और गहरी आध्यात्मिक मान्यता के लिए प्रसिद्ध है। यह वियतनाम का एक प्रतीकात्मक स्थल माना जाता है और देश की सांस्कृतिक पहचान का एक प्रमुख हिस्सा है। इतिहास और पौराणिक कथा वन पिलर पगोडा का निर्माण 11वीं शताब्दी में लाइ थाई टोंग (Lý Thái Tông) नामक सम्राट ने करवाया था। कथा के अनुसार, राजा को एक सपना आया जिसमें उन्हें बोधिसत्व देवी अवलोकितेश्वर (Goddess of Mercy – Quan Âm) ने एक कमल के फूल पर बैठा बच्चा सौंपा। इसके बाद राजा ने एक कमल के फूल के आकार का मंदिर बनवाने का निर्णय लिया, जो एक ही स्तंभ (pillar) पर खड़ा हो। वास्तुकला की विशेषता इस मंदिर की सबसे अनूठी बात यह है कि यह एकमात्र पत्थर के स्तंभ पर बना हुआ है, जो जमीन से लगभग 4 मीटर ऊँचा है। मंदिर की संरचना एक कमल के फूल की आकृति में है, जो बौद्ध धर्म में पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक...

PEARL RIVER SYSTEM

पर्ल नदी प्रणाली (Pearl River System): दक्षिण चीन की जीवनधारा पर्ल नदी प्रणाली , जिसे चीनी में झूजियांग नदी प्रणाली (Zhujiang River System) कहा जाता है, दक्षिण चीन की सबसे बड़ी और देश की तीसरी सबसे लंबी नदी प्रणाली है। यह प्रणाली गुआंगडोंग , गुआंग्शी , युन्नान , और गुइझोउ प्रांतों से होकर बहती है और अंततः दक्षिण चीन सागर में मिल जाती है। मुख्य नदियाँ पर्ल नदी प्रणाली तीन प्रमुख नदियों के संगम से बनती है: शी नदी (Xi River): यह प्रणाली की सबसे लंबी और जल-प्रवाहित शाखा है। बेई नदी (Bei River): यह उत्तरी क्षेत्र से बहती है। डोंग नदी (Dong River): यह पूर्वी क्षेत्र से पर्ल नदी में मिलती है। इन तीनों नदियों के अलावा, शुन नदी , योंग नदी , और ज़ुओ नदी जैसी कई सहायक नदियाँ भी इस प्रणाली का हिस्सा हैं। भौगोलिक और आर्थिक महत्त्व यह प्रणाली गुआंगझोउ , शेन्ज़ेन , हॉन्गकॉन्ग , और मकाओ जैसे महानगरों के लिए जल, परिवहन और उद्योग की जीवनरेखा है। यह क्षेत्र चीन का आर्थिक ऊर्जा केंद्र माना जाता है, विशेषकर पर्ल रिवर डेल्टा (Pearl River Delta) के रूप में, जो विश्व के सबसे तेज़ी ...