NINE DASH LINE



नाइन डैश लाइन: दक्षिण चीन सागर पर विवाद की रेखा

नाइन डैश लाइन (Nine-Dash Line) दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में चीन द्वारा खींची गई एक विवादित समुद्री सीमा रेखा है, जिसके माध्यम से वह इस सागर के लगभग 90% क्षेत्र पर अपना दावा करता है। यह रेखा सबसे पहले 1947 में चीन की राष्ट्रवादी सरकार द्वारा बनाई गई थी और इसमें 11 बिंदु (dashes) थे, लेकिन बाद में इसे 9 डैश लाइन में बदल दिया गया।

यह रेखा एक नक्शे पर दर्शाई जाती है, जिसमें चीन की समुद्री सीमा बहुत आगे तक फैली हुई दिखाई जाती है — वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और इंडोनेशिया के तटों के नज़दीक तक। इस क्षेत्र में स्प्रैटली द्वीप समूह, पारासेल द्वीप, और कई अन्य छोटे द्वीप और चट्टानें आती हैं, जिन पर विभिन्न देशों के दावे हैं।


क्यों है यह विवादास्पद?

  1. अंतरराष्ट्रीय कानून के विरुद्ध:
    नाइन डैश लाइन को संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) के तहत अवैध माना गया है। 2016 में अंतरराष्ट्रीय पंचाट न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) ने फिलीपींस द्वारा दायर एक याचिका पर फैसला सुनाया कि चीन का यह दावा वैध नहीं है। लेकिन चीन ने इस फैसले को मानने से इंकार कर दिया।

  2. सामरिक महत्त्व:
    दक्षिण चीन सागर में समुद्री व्यापार, तेल और गैस के भंडार तथा मछली संसाधनों की भरमार है। चीन के इस दावे से क्षेत्र के छोटे-छोटे देशों की संप्रभुता और आजीविका पर असर पड़ता है।

  3. सैन्य तनाव:
    चीन ने नाइन डैश लाइन के भीतर कई कृत्रिम द्वीप बनाकर सैन्य अड्डे स्थापित किए हैं, जिससे अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी चिंतित हैं और क्षेत्रीय सुरक्षा में हस्तक्षेप कर रहे हैं।

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