SHATRUNJAY MOUNTAIN

 

शत्रुंजय पर्वत – मोक्ष की ओर ले जाने वाला पवित्र स्थल 

शत्रुंजय पर्वत भारत के गुजरात राज्य के भावनगर जिले में स्थित है, जो जैन धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यह पर्वत पालिताना शहर के पास स्थित है और जैन समुदाय के लोगों के लिए इसे "मोक्ष भूमि" कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि यहाँ कई तीर्थंकरों और मुनियों ने तपस्या कर मोक्ष प्राप्त किया।

शत्रुंजय का अर्थ होता है – "शत्रु पर विजय पाने वाला", जिसमें शत्रु का तात्पर्य आंतरिक विकारों और बुरी प्रवृत्तियों से है। यह पर्वत आत्मशुद्धि और आत्मज्ञान की ओर ले जाने वाला स्थल माना जाता है। यहाँ पर प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) ने तपस्या की थी और उनका मुख्य मंदिर भी यहीं पर स्थित है, जो इस पर्वत का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है।

शत्रुंजय पर्वत पर लगभग 3,800 सीढ़ियाँ हैं, जिन्हें चढ़कर श्रद्धालु पर्वत की चोटी पर स्थित मंदिरों तक पहुँचते हैं। यह चढ़ाई लगभग 3.5 किलोमीटर लंबी होती है। पर्वत की चोटी पर कुल मिलाकर 865 से अधिक जैन मंदिर हैं, जिनका निर्माण विभिन्न कालों में हुआ था। इन मंदिरों की स्थापत्य कला अत्यंत सुंदर, सूक्ष्म और अद्भुत है। सफेद संगमरमर से बने इन मंदिरों की नक्काशी और गुंबद आकर्षण का केंद्र होते हैं।

यहाँ हर वर्ष हजारों जैन श्रद्धालु तीर्थयात्रा के लिए आते हैं, विशेष रूप से चैत्र पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा के अवसरों पर। इन दिनों विशाल मेलों का आयोजन होता है। जैन धर्म में यह माना जाता है कि जीवन में कम से कम एक बार शत्रुंजय पर्वत की यात्रा करना अनिवार्य है।

यह स्थान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य भी अत्यंत मनोहारी है। पहाड़ी की चोटी से चारों ओर के दृश्य अत्यंत शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव कराते हैं।

संक्षेप में, शत्रुंजय पर्वत जैन धर्म की आत्मा है, जहाँ श्रद्धा, आस्था और तप की भावना समाहित है। यह पर्वत मोक्ष मार्ग की प्रेरणा देता है और हर जैन अनुयायी के जीवन में एक बार अवश्य दर्शन करने योग्य है।

Comments

Popular posts from this blog

MAHUA BAGH GHAZIPUR

WWE Backlash 2024 के परिणाम: