KALYAN MINARET, BUKHARA

 

कल्यान मीनार 

कल्यान मीनार (Kalyan Minaret), उज़्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर बुखारा का एक प्रमुख और प्रसिद्ध स्मारक है। यह मीनार 12वीं शताब्दी में 1127 ईस्वी में करखानिद शासक अरस्लान ख़ान द्वारा बनवाई गई थी। इसका निर्माण इस्लामी वास्तुकला की उत्कृष्टता का प्रतीक माना जाता है।

कल्यान मीनार की ऊँचाई लगभग 45.6 मीटर है और इसका व्यास नींव पर लगभग 9 मीटर है जो ऊपर की ओर संकरा होता चला जाता है। इसे पकी हुई ईंटों से बहुत ही सुंदर और मजबूत ढंग से बनाया गया है। मीनार की दीवारों पर खूबसूरत ज्यामितीय डिज़ाइन और इस्लामी लिपि में शिलालेख खुदे हुए हैं। इसमें कुल 105 सीढ़ियाँ हैं जो ऊपर की ओर एक संकरी घुमावदार सीढ़ी के रूप में जाती हैं।

कल्यान मीनार को स्थानीय लोग कभी-कभी “मिनार-ए-कल्यान” या “मिनार ऑफ डेथ” भी कहते हैं, क्योंकि प्राचीन काल में अपराधियों को इसकी ऊँचाई से नीचे फेंककर दंड दिया जाता था।

यह मीनार केवल एक सजावटी संरचना नहीं थी, बल्कि इसका प्रयोग अज़ान (प्रार्थना का बुलावा) देने के लिए किया जाता था। यह मीनार कल्यान मस्जिद और मिरी-अरब मदरसा के बीच स्थित है, जिससे यह पूरा परिसर धार्मिक और स्थापत्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाता है।

आज के समय में कल्यान मीनार बुखारा का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है और इसे UNESCO विश्व धरोहर के अंतर्गत संरक्षित किया गया है। यह मीनार बुखारा की समृद्ध इस्लामी विरासत और मध्य एशियाई स्थापत्य कौशल का प्रतीक है, जो इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है।

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