ULUGH BEG OBSERVATORY SAMARKAND

 

उलूग बेग वेधशाला 

उलूग बेग वेधशाला (Ulugh Beg Observatory) उज़्बेकिस्तान के समरकंद शहर में स्थित एक ऐतिहासिक खगोलशास्त्रीय केंद्र है। इसका निर्माण 15वीं सदी में उलूग बेग द्वारा करवाया गया था, जो स्वयं एक महान खगोलशास्त्री, गणितज्ञ और तिमूरी वंश के शासक थे। यह वेधशाला उस समय की सबसे उन्नत खगोलशास्त्रीय संरचनाओं में से एक मानी जाती थी।

इस वेधशाला का निर्माण लगभग 1420 ईस्वी में किया गया था। इसका मुख्य उपकरण एक विशाल सेक्सटेंट (कोण मापन यंत्र) था, जिसकी लंबाई लगभग 40 मीटर थी और इसका अधिकांश भाग भूमिगत था। इस यंत्र की सहायता से उलूग बेग और उनके वैज्ञानिकों ने बहुत सटीक खगोलीय गणनाएँ कीं।

उलूग बेग ने अपने वेधशाला में खगोलविदों की एक टीम बनाई, जिसमें प्रसिद्ध गणितज्ञ अली कूशची भी शामिल थे। उन्होंने इस वेधशाला के माध्यम से ग्रहों की गति, तारे की स्थिति और दिन की लंबाई जैसे कई महत्वपूर्ण खगोलीय डेटा संकलित किए। उलूग बेग ने एक महान खगोलीय ग्रंथ "ज़ीज़-ए-उलूग बेग" भी तैयार करवाया, जो उस समय की वैज्ञानिक दुनिया में एक अद्भुत उपलब्धि थी।

हालांकि 16वीं सदी में यह वेधशाला नष्ट कर दी गई थी, लेकिन इसके अवशेष 20वीं सदी में फिर से खोजे गए। आज इस स्थल पर एक संग्रहालय बना हुआ है, जिसमें उलूग बेग के वैज्ञानिक कार्यों, उपकरणों और खगोलीय ज्ञान को प्रदर्शित किया गया है।

उलूग बेग वेधशाला न केवल उज़्बेकिस्तान, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक ऐतिहासिक वैज्ञानिक धरोहर है। यह प्राचीन काल में इस्लामी जगत में विज्ञान और शिक्षा की उन्नति का प्रतीक है।

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