SWISS BANK
स्विस बैंक – गोपनीयता और वैश्विक वित्त का प्रतीक
स्विस बैंक का नाम सुनते ही लोगों के मन में गोपनीयता, विदेशी खातों और "काला धन" जैसे विचार आने लगते हैं। स्विस बैंक दरअसल स्विट्ज़रलैंड में स्थित बैंकों को कहा जाता है, जो दुनिया भर में अपनी गोपनीयता और सुरक्षित बैंकिंग सेवाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। इन बैंकों में प्रमुख हैं – UBS (Union Bank of Switzerland) और Credit Suisse।
स्विस बैंकों की सबसे बड़ी विशेषता है – गोपनीयता। इन बैंकों में खाता खोलने वाले ग्राहकों की जानकारी को अत्यंत गोपनीय रखा जाता है। स्विस कानूनों के अनुसार, बैंक किसी भी ग्राहक की जानकारी तब तक साझा नहीं कर सकते जब तक कि बहुत गंभीर आपराधिक मामला न हो या अंतरराष्ट्रीय अदालत का आदेश न हो। यही कारण है कि दुनिया भर के अमीर लोग, व्यापारी, राजनेता और कई बार अपराधी भी, अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए स्विस बैंक का सहारा लेते हैं।
भारत में स्विस बैंकों का नाम खासतौर पर काले धन (Black Money) के संदर्भ में लिया जाता रहा है। यह माना जाता है कि कई भारतीयों ने अपने अघोषित धन को स्विस बैंकों में जमा किया हुआ है ताकि उसे भारत सरकार और कर विभाग की निगरानी से बचाया जा सके। इसी कारण स्विस बैंक भारतीय राजनीति और मीडिया में चर्चा का विषय बनते रहते हैं।
हालाँकि, हाल के वर्षों में स्विट्ज़रलैंड सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते कई देशों के साथ सूचना आदान-प्रदान की संधि (Information Exchange Agreements) पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत भी इनमें से एक है। अब भारत सरकार को कुछ सीमाओं में रहकर स्विस खाताधारकों की जानकारी मिल सकती है, जिससे काले धन पर नियंत्रण पाने की दिशा में कुछ प्रगति हुई है।
स्विस बैंक केवल अपराधियों या टैक्स चोरी के लिए ही नहीं हैं। ये बैंक उच्च-स्तरीय निवेश, ट्रस्ट सेवाएँ, संपत्ति प्रबंधन और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सेवाओं के लिए भी जाने जाते हैं। विश्व के बड़े व्यापारी और निवेशक अपनी संपत्ति को सुरक्षित, स्थिर और सुव्यवस्थित रूप में रखने के लिए इन बैंकों में निवेश करते हैं।
निष्कर्षतः, स्विस बैंक एक ऐसा नाम है जो गोपनीयता, वैश्विक वित्त और विवादों का मिश्रण है। भविष्य में इन बैंकों की पारदर्शिता बढ़ाना और अवैध धन को रोकना वैश्विक आर्थिक न्याय के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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