TANKA COMMUNITY

 

टांका समुदाय (Tanka Community) 

टांका समुदाय दक्षिण चीन का एक पारंपरिक नाविक और मछुआरा समुदाय है, जो मुख्य रूप से हांगकांग, मकाऊ, ग्वांगडोंग और फुजियान क्षेत्रों में पाया जाता है। “टांका” शब्द का अर्थ होता है "नाव पर रहने वाले लोग"। ऐतिहासिक रूप से, टांका लोग पानी पर जीवन बिताने वाले ऐसे समुदाय के रूप में जाने जाते हैं जो सदियों तक स्थायी रूप से नौकाओं में ही रहते थे।

टांका समुदाय का पारंपरिक पेशा मछली पकड़ना, मोती चुनना और समुद्री व्यापार से जुड़ा रहा है। इनका जीवन नावों पर ही चलता था — वे वहीं रहते, सोते, खाना बनाते और अपने बच्चों को पालते थे। टांका समुदाय को कभी-कभी "समुद्र के बंजारे" भी कहा जाता है क्योंकि वे ज़मीन की तुलना में पानी में अधिक समय बिताते थे।

टांका लोगों की अपनी विशेष भाषा, रीति-रिवाज, लोकगीत और परंपराएं हैं। वे समुद्र को पूजनीय मानते हैं और समुद्री देवी तिन हाउ (Tin Hau) की पूजा करते हैं, जिन्हें मछुआरों की रक्षक माना जाता है। हर साल टांका समुदाय के लोग तिन हाउ महोत्सव मनाते हैं, जिसमें रंग-बिरंगी नावें सजाई जाती हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

ऐतिहासिक रूप से टांका समुदाय को मुख्यधारा समाज से अलग माना गया और उन्हें भेदभाव का सामना भी करना पड़ा। हालांकि अब अधिकांश टांका लोग ज़मीन पर बस चुके हैं और आधुनिक जीवनशैली अपना चुके हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर, जैसे कि ताई ओ गाँव में, आज भी उनकी पारंपरिक जीवनशैली की झलक देखने को मिलती है।

टांका समुदाय हांगकांग और दक्षिण चीन की सांस्कृतिक विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो समुद्री विरासत को जीवित रखने में अपना योगदान दे रहा है।

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