RAJKUMAR HIRANI

 

राजकुमार हिरानी 

राजकुमार हिरानी भारतीय सिनेमा के ऐसे प्रतिष्ठित फिल्म निर्देशक, लेखक और संपादक हैं, जिन्होंने हिंदी फिल्मों को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे अपनी सरल, भावनात्मक और सामाजिक संदेशों से भरी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। उनकी फिल्मों में हास्य का अनूठा मेल, मानवीय संवेदनाएँ और गहरी सोच हमेशा देखने को मिलती है। हिरानी की कहानी-कहने की शैली दर्शकों के दिल को छू जाती है, क्योंकि वे गंभीर विषयों को भी हल्के-फुल्के अंदाज़ में प्रस्तुत करते हैं।

राजकुमार हिरानी का जन्म 20 नवंबर 1962 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। शुरुआती जीवन में वे फिल्मों से गहरा लगाव रखते थे। उन्होंने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से एडिटिंग का कोर्स पूरा किया और कुछ समय विज्ञापन जगत में भी काम किया। इसके बाद वे मुंबई आए और विभिन्न फिल्मों में संपादक के रूप में कार्य करना शुरू किया।

2003 में आई उनकी पहली फिल्म “मुन्ना भाई एमबीबीएस” ने उन्हें रातों-रात प्रसिद्ध कर दिया। इस फिल्म ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता, बल्कि हिंदी सिनेमा में एक नई लहर भी पैदा की। इसके बाद “लगे रहो मुन्ना भाई”, “थ्री इडियट्स”, “पीके” और “संजू” जैसी फिल्मों ने उन्हें भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे सफल निर्देशकों में शामिल कर दिया। उनकी फिल्मों का सबसे बड़ा गुण यह है कि वे मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता भी बढ़ाती हैं।

“थ्री इडियट्स” ने शिक्षा व्यवस्था पर गहरी चोट की, जबकि “पीके” ने अंधविश्वास और कट्टरता को चुनौती दी। “संजू” ने एक अभिनेता के जीवन की जटिलताओं को संवेदनशील ढंग से चित्रित किया।

राजकुमार हिरानी की फिल्मों की लोकप्रियता का कारण उनकी सकारात्मक सोच, सहज कहानी और दर्शकों से जुड़ने का तरीका है। वे आज भी भारतीय सिनेमा के सबसे विश्वसनीय और प्रिय निर्देशकों में गिने जाते हैं, जिनकी हर नई फिल्म का दर्शक बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।

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