JALORI PASS HIMACHAL PRADESH

 

जालोरी दर्रा (Jalori Pass):

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित जालोरी दर्रा (Jalori Pass) एक प्रसिद्ध पर्वतीय दर्रा है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, रोमांचक मार्ग और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 10,800 फीट (करीब 3,120 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है और बंजार घाटी को सिराज घाटी से जोड़ता है। यह जगह ट्रेकिंग, कैंपिंग, और एडवेंचर के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।

जालोरी दर्रे की विशेषता इसकी हरियाली, शांत वातावरण और हिमाच्छादित पहाड़ हैं। यहाँ पहुँचने का रास्ता घुमावदार और चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन मार्ग के दोनों ओर की प्राकृतिक छटा मन मोह लेती है। सड़कें पतली और कभी-कभी खतरनाक होती हैं, इसलिए अनुभवहीन ड्राइवरों के लिए यह रास्ता थोड़ा कठिन हो सकता है। हालाँकि, यात्रा के दौरान दिखाई देने वाले देवदार और बाँज के जंगल, पहाड़ी फूल, और पक्षियों की चहचहाहट हर थकान को दूर कर देती है।

जालोरी दर्रा गर्मियों में खुला रहता है और सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण बंद हो जाता है। अप्रैल से नवंबर के बीच यहाँ आना सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस क्षेत्र में जालोरी माता का मंदिर भी स्थित है, जो स्थानीय लोगों की आस्था का प्रतीक है। पर्यटक यहाँ से सेरोलसर झील और रघुपुर किला जैसी दर्शनीय स्थलों तक ट्रेकिंग भी करते हैं। सेरोलसर झील एक शांत और पवित्र झील है जो देवदार के घने जंगलों के बीच स्थित है। इसकी पानी की निर्मलता और चारों ओर का नज़ारा मन को शांति देता है।

यह दर्रा पर्यावरण प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए भी खास है, क्योंकि यहाँ के दृश्य postcard जैसे लगते हैं। सूर्यास्त और सूर्योदय का नज़ारा यहाँ से देखने लायक होता है।

संक्षेप में, जालोरी दर्रा एक ऐसा स्थान है जहाँ प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में मिलती है। यह जगह उन लोगों के लिए आदर्श है जो भीड़ से दूर, प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताना चाहते हैं। हिमाचल की पर्वतीय संस्कृति, लोककथाओं और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने के लिए जालोरी दर्रा एक बेहतरीन गंतव्य है।

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