KORLAI FORT KONKAN
कोरलाई किला, कोंकण की एक प्रमुख दुर्ग है जो महाराष्ट्र के रायगड जिले में स्थित है। यह दुर्ग मुघल साम्राज्य के काल में बनाया गया था और इसे रोहिद खिलजी नामक नायक ने निर्मित किया था। कोरलाई किला वास्तव में एक स्थलीय समुदाय के आवास के रूप में भी प्रयोग होता था।
यह किला उच्च स्थान पर स्थित है जिससे वह चारों ओर से सुरक्षित है। इसका अधिकांश भाग खंडहरों में बदल गया है, लेकिन कुछ हिस्से अभी भी संरक्षित हैं और इसे पर्यटन के लिए खोला गया है। कोरलाई किले की दीवारें भव्यता की बात करती हैं और यहां से आपको समुद्र का सुंदर नजारा भी मिलता है।
इस किले की अद्वितीयता में उसका निर्माण शैली का महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें पोर्तुगीज, मुघल और मराठा कला के अवशेष दिखाई देते हैं। इसकी दीवारों पर बने स्तंभ और पत्थरों की रचना बहुत ही सुंदर हैं।
कोरलाई किला के आसपास कई पर्यटक स्थल हैं जैसे की विटालादेव मंदिर, कुधालेश्वर मंदिर और बाजार पेटलूली गांव। इन स्थलों पर भ्रमण करने से पर्यटकों को किले की संवादित इतिहास और स्थानीय संस्कृति का अनुभव होता है।
कोरलाई किला एक ऐतिहासिक स्थल होने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए यहां आने वाले पर्यटक हमेशा प्रेरित होते हैं और इसकी महत्वपूर्णता को समझते हैं।
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