SOLOMON TEMPLE MIZORAM
सोलोमन मंदिर, मिजोरम
सोलोमन मंदिर मिजोरम राज्य की राजधानी आइज़ोल में स्थित एक भव्य और आकर्षक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर ईसाई समुदाय द्वारा निर्मित एक अनोखी संरचना है, जिसे बाइबिल में वर्णित राजा सोलोमन के प्राचीन मंदिर की शैली में बनाया गया है। यह मंदिर मिजोरम ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में अपनी अनूठी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
सोलोमन मंदिर का निर्माण कार्य 1997 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में लगभग 20 वर्ष लगे। यह 2017 में आम जनता के लिए खोला गया। इस मंदिर का निर्माण चर्च ऑफ गॉड (सोलोमोन टेम्पल) नामक एक धार्मिक संस्था द्वारा किया गया, जिसका नेतृत्व डॉ. लालबिआकजुआला ने किया। मंदिर का उद्देश्य लोगों को पवित्र जीवन की ओर प्रेरित करना और धार्मिक एकता को बढ़ावा देना है।
यह मंदिर लगभग 3,025 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी ऊंचाई करीब 180 फीट है। इसकी वास्तुकला अत्यंत सुंदर है, जो हिब्रू और मिजो संस्कृति का मिश्रण प्रस्तुत करती है। इसकी बाहरी दीवारें सफेद संगमरमर जैसी दिखती हैं, जो इसे दूर से ही आकर्षक बनाती हैं। मंदिर के चारों कोनों पर चार मीनारें हैं, जो स्वर्गिक प्रतीक का आभास देती हैं। मुख्य भवन के अंदर एक विशाल सभागार है, जहाँ एक साथ हजारों लोग प्रार्थना और भजन-कीर्तन कर सकते हैं।
सोलोमन मंदिर को देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक और श्रद्धालु मिजोरम आते हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी बन चुका है। विशेष रूप से क्रिसमस और अन्य ईसाई त्योहारों के दौरान यहाँ भव्य आयोजन होते हैं, जिनमें स्थानीय निवासी और देश-विदेश से आए लोग भाग लेते हैं।
मंदिर के आसपास का वातावरण शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। यहाँ पर अनुशासन और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है। पर्यटकों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, जिससे मंदिर की पवित्रता बनी रहे।
सोलोमन मंदिर मिजोरम की धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। यह मंदिर यह सिखाता है कि आस्था, लगन और एकजुटता से कुछ भी संभव है। यह स्थान न केवल आध्यात्मिक संतोष प्रदान करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मिजोरम जैसे छोटे राज्य में भी विश्व स्तरीय धार्मिक संरचनाएं मौजूद हैं।
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