AJMERI GATE DELHI
अजमेरी गेट
अजमेरी गेट दिल्ली का एक ऐतिहासिक द्वार है, जो पुरानी दिल्ली की दीवारबंदी का हिस्सा था। इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के शासनकाल में 17वीं शताब्दी में हुआ था, जब उन्होंने शाहजहानाबाद (वर्तमान पुरानी दिल्ली) बसाया था। यह द्वार पश्चिम की ओर अजमेर शहर की दिशा में खुलता था, इसीलिए इसका नाम "अजमेरी गेट" पड़ा।
यह द्वार शाहजहानाबाद शहर के उन 14 प्रवेश द्वारों में से एक था, जो शहर की सुरक्षा और आवाजाही के लिए बनाए गए थे। अजमेरी गेट का उपयोग खासकर उन लोगों द्वारा किया जाता था जो अजमेर शरीफ दरगाह या राजस्थान की ओर यात्रा करते थे। इस द्वार की स्थापत्य कला में मुग़ल वास्तुकला की झलक मिलती है, जिसमें ऊँची मेहराबें, लाल बलुआ पत्थर और सजावटी डिज़ाइन शामिल हैं।
आज यह क्षेत्र दिल्ली के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक है, क्योंकि यहीं स्थित है नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का एक प्रमुख प्रवेश बिंदु — जिसे भी "अजमेरी गेट साइड" कहा जाता है। स्टेशन और उसके आसपास के इलाके में दिनभर भारी भीड़ रहती है, और यह व्यापार, परिवहन और ठहराव का केंद्र बन चुका है।
अजमेरी गेट के पास कई प्रमुख शिक्षण संस्थान, बाज़ार और ऐतिहासिक स्थल भी हैं, जैसे — रामलीला मैदान, कामला मार्केट, और दिल्ली गेट।
संक्षेप में, अजमेरी गेट दिल्ली का एक ऐसा स्थान है जहाँ इतिहास और आधुनिकता का मेल देखने को मिलता है। यह द्वार न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि आज भी यह दिल्ली के जीवन का एक सक्रिय हिस्सा बना हुआ है।
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