LOTUS TEMPLE DELHI
लोटस टेम्पल
लोटस टेम्पल, जिसे कमल मंदिर भी कहा जाता है, भारत की राजधानी नई दिल्ली का एक प्रसिद्ध धार्मिक और स्थापत्य स्मारक है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय कमल के आकार की वास्तुकला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है और दिल्ली आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
यह मंदिर बहाई धर्म का उपासना स्थल है, जो विश्व के सभी धर्मों की एकता और समानता में विश्वास करता है। इसे वर्ष 1986 में जनता के लिए खोला गया था और इसका डिज़ाइन ईरानी वास्तुकार फरिबुर्ज़ साहबा द्वारा तैयार किया गया था। मंदिर की आकृति 27 सफेद संगमरमर की पंखुड़ियों से मिलकर बनी है, जो मिलकर एक विकसित कमल का रूप देती हैं।
लोटस टेम्पल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ कोई मूर्ति, फोटो या धार्मिक प्रतीक नहीं होता। यहाँ शांति और ध्यान के लिए एक विशाल प्रार्थना कक्ष है, जहाँ किसी भी धर्म के व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के प्रवेश कर सकते हैं और ध्यान लगा सकते हैं। यहां नियमित रूप से कोई अनुष्ठान नहीं होता, बल्कि एकांत और मौन को प्रमुखता दी जाती है।
यह मंदिर लगभग 26 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे सुंदर बगीचों, जलाशयों और पगडंडियों से घेरा गया है। लोटस टेम्पल को इसकी वास्तुकला, शांति, और सर्वधर्म समभाव के लिए अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
संक्षेप में, लोटस टेम्पल एक ऐसा स्थान है जहाँ शांति, सौंदर्य और आध्यात्मिक एकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यह न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि विश्वबंधुत्व और मानवता का प्रतीक भी है।
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