KISAN GHAT DELHI

 

किसान घाट 

किसान घाट भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की समाधि स्थली है, जो नई दिल्ली में यमुना नदी के किनारे, राज घाट क्षेत्र के समीप स्थित है। यह स्थल भारतीय किसानों के संघर्ष, श्रम और सम्मान का प्रतीक है। "किसान घाट" नाम itself उनके जीवन के उस समर्पण को दर्शाता है जो उन्होंने ग्रामीण भारत, कृषि, और किसानों के हितों के लिए किया था।

चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। वे एक सच्चे किसान नेता थे, जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा किसानों के अधिकारों और कृषि सुधारों को प्राथमिकता दी। उनका मानना था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है और जब तक किसान सशक्त नहीं होगा, देश समृद्ध नहीं हो सकता।

उनके निधन के बाद, वर्ष 1987 में, किसान घाट का निर्माण कराया गया। यह समाधि एक साधारण मगर गरिमामयी स्थान है, जहाँ पर काले पत्थर की एक समतल चबूतरी बनी है। इसके चारों ओर हरियाली, पेड़-पौधे और एक शांतिपूर्ण वातावरण है, जो उनके सरल जीवन और निस्वार्थ सेवा को दर्शाता है।

हर साल 23 दिसंबर को, जो राष्ट्रीय किसान दिवस (Kisan Diwas) के रूप में मनाया जाता है, यहां हजारों लोग एकत्र होकर चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस दिन राजनीतिक नेता, किसान संगठन, छात्र और आम नागरिक उनके विचारों और योगदान को याद करते हैं।

संक्षेप में, किसान घाट केवल एक समाधि नहीं, बल्कि यह भारतीय किसान आंदोलन, कृषि सुधारों और चौधरी चरण सिंह की किसान-समर्पित राजनीति का एक जीवंत प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि "किसान देश की रीढ़ है" और उसे उचित सम्मान मिलना चाहिए।

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