TRIMURTI BHAWAN
त्रिमूर्ति भवन
त्रिमूर्ति भवन भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित एक ऐतिहासिक और स्मरणीय इमारत है, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी हुई है। यह वही भवन है जहाँ नेहरू जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में निवास किया था और जहाँ 27 मई 1964 को उनका निधन हुआ था। आज यह भवन नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय (Nehru Memorial Museum and Library) के रूप में कार्य करता है।
त्रिमूर्ति भवन का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था और यह शुरुआत में एक वरिष्ठ ब्रिटिश अधिकारी का निवास हुआ करता था। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इसे भारत सरकार ने नेहरू जी के आवास के रूप में परिवर्तित कर दिया। इस भवन का नाम "त्रिमूर्ति" भारतीय संस्कृति के तीन प्रमुख देवताओं – ब्रह्मा, विष्णु और महेश – के प्रतीकात्मक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए रखा गया।
आज यह भवन नेहरू जी के जीवन, विचारों और उनके कार्यों को जानने-समझने का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। यहाँ एक संग्रहालय है जिसमें नेहरू जी के निजी सामान, तस्वीरें, पत्र, पुस्तकों और ऐतिहासिक दस्तावेजों को संरक्षित किया गया है। उनका शयनकक्ष, बैठक कक्ष और पुस्तकालय आज भी उसी तरह सुरक्षित हैं जैसे वे अपने जीवनकाल में थे।
यहाँ एक विशाल पुस्तकालय भी है, जो शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसके अलावा, परिसर में एक ऑडिटोरियम और प्रदर्शनी स्थल भी हैं जहाँ समय-समय पर सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
संक्षेप में, त्रिमूर्ति भवन केवल एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि यह भारत के निर्माण में पंडित नेहरू के योगदान की जीवंत स्मृति है। यह स्थान इतिहास, शिक्षा और प्रेरणा का संगम है।
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