CHANDANI CHOWK DELHI
चांदनी चौक
चांदनी चौक दिल्ली का एक ऐतिहासिक, व्यस्त और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बाजार क्षेत्र है, जो पुरानी दिल्ली में स्थित है। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में मुग़ल सम्राट शाहजहां के शासनकाल में उनकी बेटी जहाँआरा बेगम द्वारा करवाया गया था। यह बाजार लाल किले के सामने स्थित है और दिल्ली की सबसे पुरानी और प्रमुख व्यापारिक गलियों में से एक माना जाता है।
चांदनी चौक का शाब्दिक अर्थ है – "चाँदनी से चमकता चौक", क्योंकि पहले यहाँ एक नहर बहती थी, जिसमें चाँद की रोशनी पड़ने पर वह चमकती थी। समय के साथ वह नहर तो समाप्त हो गई, लेकिन चांदनी चौक की रौनक और व्यापारिक महत्व आज भी बरकरार है।
यह क्षेत्र कपड़ों, गहनों, मसालों, सूखे मेवों, किताबों, पारंपरिक मिठाइयों और स्ट्रीट फूड के लिए बेहद प्रसिद्ध है। यहाँ पर स्थित पराठे वाली गली, गली कासिमजान, दरियागंज बुक मार्केट और किनारी बाजार देशभर में मशहूर हैं। यह इलाका भारतीय संस्कृति, खानपान और व्यापारिक जीवनशैली की जीवंत तस्वीर प्रस्तुत करता है।
चांदनी चौक न केवल एक बाजार है, बल्कि यहाँ कई धार्मिक स्थल भी हैं, जैसे जामा मस्जिद, श्री गौरी शंकर मंदिर, सिस गंज साहिब गुरुद्वारा और जैन मंदिर, जो इसे सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक भी बनाते हैं।
हाल के वर्षों में चांदनी चौक में सौंदर्यीकरण और पैदल मार्ग निर्माण की दिशा में कई सुधार किए गए हैं, जिससे यह और अधिक आकर्षक बन गया है।
संक्षेप में, चांदनी चौक सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि दिल्ली की आत्मा, उसका इतिहास, संस्कृति और परंपरा का अनमोल प्रतीक है, जो हर पर्यटक को एक अलग अनुभव प्रदान करता है।
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