EQUINOX

 

विषुव (Equinox) 

विषुव (Equinox) खगोलीय दृष्टि से वह समय होता है जब सूर्य सीधा भूमध्य रेखा (Equator) के ऊपर होता है और दिन तथा रात की अवधि लगभग समान होती है। हर वर्ष यह घटना दो बार होती है – 21 मार्च को वसंत विषुव (Spring Equinox) और 23 सितंबर को शरद विषुव (Autumn Equinox)। इन दोनों दिनों में पूरे पृथ्वी पर लगभग 12 घंटे दिन और 12 घंटे रात होती है।

विषुव की स्थिति तब आती है जब पृथ्वी की धुरी का झुकाव सूर्य की दिशा के प्रति ऐसा होता है कि neither the northern hemisphere nor the southern hemisphere is tilted towards the Sun. इसका अर्थ है कि सूर्य की किरणें बिल्कुल सीधे भूमध्य रेखा पर पड़ती हैं, जिससे दोनों गोलार्धों में सूर्य की रोशनी समान रूप से वितरित होती है।

प्रकार:

  1. वसंत विषुव (Spring Equinox) – 21 मार्च के आसपास होता है, जो उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु की शुरुआत को दर्शाता है।
  2. शरद विषुव (Autumn Equinox) – 23 सितंबर के आसपास होता है, जो उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु की शुरुआत का संकेत देता है।

विषुव का मौसम, कृषि और धार्मिक परंपराओं में भी विशेष महत्व होता है। कई संस्कृतियों में इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत में यह समय नवरात्रि, चैत्र मास या शरद ऋतु की शुरुआत से भी जुड़ा होता है।

निष्कर्षतः, विषुव खगोलशास्त्र का एक महत्वपूर्ण समय है जो पृथ्वी की गति, सूर्य की स्थिति और ऋतुओं के बदलाव को दर्शाता है। यह दिन प्राकृतिक संतुलन और खगोलीय ज्ञान की समझ में मदद करता है।

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