TAPTI RIVER
ताप्ती नदी
ताप्ती नदी (Tapti River), जिसे कभी-कभी तापी नदी भी कहा जाता है, भारत की एक प्रमुख पश्चिमवाहिनी नदी है। यह नदी मध्य भारत की जीवनरेखा मानी जाती है और इसका धार्मिक, भौगोलिक तथा आर्थिक दृष्टि से विशेष महत्व है। यह नदी तीन प्रमुख पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में से एक है – अन्य दो हैं नर्मदा और माही।
ताप्ती नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के सतपुड़ा पर्वतमाला के मुलताई नामक स्थान से होता है, जो बैतूल ज़िले में स्थित है। यह नदी लगभग 724 किलोमीटर लंबी यात्रा करती है और अंततः अरब सागर में गिरती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं – पूर्णा, गिरणा, पंजारा, बोरी, और अनो।
ताप्ती नदी का प्रवाह मुख्यतः मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात राज्यों से होकर गुजरता है। इस नदी पर कई प्रमुख नगर बसे हैं, जिनमें बुरहानपुर, जलगांव, भुसावल, सूरत, और उकाई जैसे नगर शामिल हैं।
ताप्ती नदी पर उकाई बांध (Ukai Dam) का निर्माण किया गया है, जो गुजरात राज्य में स्थित है। यह बांध सिंचाई, जल आपूर्ति और विद्युत उत्पादन के लिए उपयोगी है। इसके अलावा, नदी के तटों पर खेती विशेष रूप से कपास, केला, और गन्ना उगाए जाते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से भी ताप्ती नदी का अत्यंत महत्व है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह नदी सूर्य देवता की पुत्री मानी जाती है, और इसे पवित्र माना जाता है। कई तीर्थस्थल इस नदी के तट पर स्थित हैं, जहाँ श्रद्धालु स्नान और पूजा करते हैं। बुरहानपुर, जो इस नदी के किनारे बसा है, एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
ताप्ती नदी की एक विशेषता यह भी है कि यह पठारी और गहरी घाटियों से होकर बहती है, जिससे इसमें अचानक बाढ़ आने की संभावना रहती है। बरसात के मौसम में यह नदी कभी-कभी बहुत उग्र रूप धारण कर लेती है।
निष्कर्षतः, ताप्ती नदी न केवल प्राकृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कृषि, संस्कृति, ऊर्जा और आस्था से भी गहराई से जुड़ी हुई है। यह नदी भारत के पश्चिमी भाग की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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