TROPIC OF CANCER
कर्क रेखा (Tropic of Cancer)
कर्क रेखा पृथ्वी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है, जो भूमध्य रेखा (Equator) के उत्तर में स्थित है। यह रेखा 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर स्थित होती है। इसे अंग्रेज़ी में Tropic of Cancer कहा जाता है। यह रेखा पृथ्वी के उन क्षेत्रों को चिह्नित करती है जहाँ सूर्य एक वर्ष में एक बार सीधे सिर के ऊपर (zenith पर) चमकता है। यह घटना 21 जून, यानी ग्रीष्म अयनांत (Summer Solstice) के दिन होती है।
जब सूर्य कर्क रेखा के ठीक ऊपर होता है, तब उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे लंबा और रात सबसे छोटी होती है। यह रेखा उत्तरी गोलार्ध में उस सीमा को दर्शाती है जहाँ तक सूर्य की किरणें सीधी पड़ सकती हैं। कर्क रेखा के उत्तर में सूर्य की किरणें कभी भी पूर्ण रूप से सीधी नहीं पड़तीं।
विश्व में कर्क रेखा से गुजरने वाले प्रमुख देश:
कर्क रेखा कुल 16 देशों से होकर गुजरती है। इनमें मुख्य रूप से भारत, मैक्सिको, मिस्र, सऊदी अरब, ओमान, यूएई, म्यांमार, चीन, बांग्लादेश, और मॉरिटानिया जैसे देश शामिल हैं।
भारत में कर्क रेखा:
भारत में कर्क रेखा देश के मध्य भाग से होकर गुजरती है और यह कुल 8 राज्यों को पार करती है:
- गुजरात
- राजस्थान
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- झारखंड
- पश्चिम बंगाल
- त्रिपुरा
- मिज़ोरम
इन राज्यों में कई स्थानों पर कर्क रेखा का स्मारक (marker) भी स्थापित किया गया है, जो भूगोल प्रेमियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है।
भूगोल में महत्व:
कर्क रेखा का महत्व भौगोलिक, खगोलीय और जलवायु अध्ययन में अत्यधिक है। यह धरती के तापमान वितरण, ऋतुओं की स्थिति और सूरज की स्थिति को समझने में सहायक होती है। यह रेखा बताती है कि सूर्य की ऊष्मा और प्रकाश पृथ्वी पर किस तरह वितरित होता है।
निष्कर्षतः, कर्क रेखा पृथ्वी की प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक है, जो न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भूगोल की पढ़ाई और पर्यावरणीय समझ के लिए भी बेहद उपयोगी है।
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