RABINDRA SAROBAR KOLKATA
रबिन्द्र सरोवर, कोलकाता
रबिन्द्र सरोवर कोलकाता का एक प्रसिद्ध और सुंदर कृत्रिम झील क्षेत्र है, जो दक्षिण कोलकाता के लेक गार्डेन्स और धोखिनेश्वर इलाकों में स्थित है। इसे पहले "लेक" के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसे कवि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के सम्मान में "रबिन्द्र सरोवर" नाम दिया गया।
यह झील ब्रिटिश काल में 1920 के दशक में बनाई गई थी। उस समय इसे एक रिक्रिएशनल स्पेस के रूप में विकसित किया गया था, जहाँ लोग शांति, ताजगी और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद ले सकें। झील का क्षेत्र लगभग 75 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें चारों ओर हरियाली, वृक्ष, फूलों की क्यारियाँ और चलने के लिए पथ बनाए गए हैं।
रबिन्द्र सरोवर केवल एक झील नहीं है, बल्कि यह कोलकाता के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक और सामाजिक स्थल भी है। यहाँ पर नियमित रूप से मॉर्निंग वॉकर्स, योगा करने वाले, फोटोग्राफर, पक्षी प्रेमी और पर्यटक आते हैं। यहाँ के शांत वातावरण में कई प्रकार के पक्षियों को देखा जा सकता है, विशेषकर सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है।
झील के पास कई सांस्कृतिक संस्थान और खेल परिसर भी हैं, जैसे कि राउलिन्स क्लब, आईआईटीसी, स्विमिंग क्लब, और ऑडिटोरियम। इसके अतिरिक्त, सरोवर के पास स्थित रबिन्द्रनाथ टैगोर की प्रतिमा इस स्थल को एक विशेष सांस्कृतिक महत्व देती है।
रबिन्द्र सरोवर का महत्व केवल पर्यावरणीय ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक भी है। यह कोलकाता के उन गिने-चुने स्थानों में से एक है जहाँ लोग प्रकृति के करीब आकर खुद से जुड़ सकते हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
आज के समय में, रबिन्द्र सरोवर शहरी जीवन की दौड़-भाग से थोड़ी देर के लिए विराम लेने का एक उत्तम स्थान है। यह झील कोलकाता की आत्मा को दर्शाती है — एक ऐसा शहर जो आधुनिकता और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखता है।
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