JOKHANG TEMPLE LHASA



जोखांग मंदिर: तिब्बती श्रद्धा का केन्द्र

जोखांग मंदिर तिब्बत के ल्हासा नगर में स्थित एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक बौद्ध मंदिर है। इसे तिब्बती बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपूर्ण और श्रद्धेय स्थल माना जाता है। यह मंदिर ल्हासा के मध्य स्थित है और हर वर्ष लाखों श्रद्धालु एवं पर्यटक इसे देखने आते हैं।

जोखांग मंदिर का निर्माण 7वीं शताब्दी में तिब्बती राजा सोंगस्तेन गम्पो (Songtsen Gampo) ने करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर उनकी दो रानियों — एक चीनी और एक नेपाली राजकुमारी — के आग्रह पर बनाया गया था। मंदिर में भगवान बुद्ध की एक अत्यंत प्राचीन और पूज्य मूर्ति जोवो शाक्यमुनि (Jowo Shakyamuni) की स्थापना की गई, जिसे चीन की राजकुमारी वेंचेंग अपने साथ लायी थीं।

जोखांग मंदिर की वास्तुकला तिब्बती, नेपाली, भारतीय और चीनी शैलियों का अद्भुत संगम है। इसकी छतें सुनहरी हैं और इसकी दीवारों पर बौद्ध धर्म से संबंधित चित्र और मूर्तियाँ बनी हुई हैं। मंदिर का आँगन और अंदरूनी भाग शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव कराते हैं।

श्रद्धालु यहाँ दूर-दूर से यात्रा कर पैदल या साष्टांग प्रणाम करते हुए आते हैं। मंदिर के चारों ओर बारकोर (Barkhor) नामक एक परिक्रमा पथ है, जहाँ लोग प्रार्थना चक्र घुमाते हुए श्रद्धा प्रकट करते हैं।

जोखांग मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि तिब्बती पहचान, संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। यह तिब्बती लोगों के हृदय में विशेष स्थान रखता है और आज भी बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।


Comments

Popular posts from this blog

MAHUA BAGH GHAZIPUR