SILK ROAD

 

रेशम मार्ग 

रेशम मार्ग (Silk Road) प्राचीन काल में व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क का एक महत्वपूर्ण मार्ग था, जो चीन को एशिया, यूरोप और अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों से जोड़ता था। यह मार्ग न केवल व्यापारिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण था।

रेशम मार्ग की शुरुआत चीन के शियान (Xi’an) शहर से मानी जाती है, जो मध्य एशिया होते हुए फारस (ईरान), अरब और अंततः यूरोप के देशों तक पहुँचता था। इस मार्ग का नाम "रेशम मार्ग" इसलिए पड़ा क्योंकि चीन से सबसे प्रमुख व्यापारिक वस्तु रेशम हुआ करती थी, जो अन्य देशों में अत्यंत मूल्यवान मानी जाती थी।

इस मार्ग के माध्यम से न केवल वस्त्र, मसाले, चाय, धातुएँ, और कीमती पत्थर जैसे सामानों का आदान-प्रदान होता था, बल्कि विचारधाराओं, धर्मों (जैसे बौद्ध धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म), कला, स्थापत्य और भाषा का भी आदान-प्रदान हुआ। यह मार्ग एशिया और यूरोप के बीच सांस्कृतिक पुल का कार्य करता था।

प्रसिद्ध यात्री जैसे कि मार्को पोलो ने भी इसी मार्ग से यात्रा की थी और चीन की सभ्यता के बारे में यूरोप को बताया। यह मार्ग लगभग 2,000 वर्षों तक सक्रिय रहा, लेकिन समुद्री मार्गों के विकास के साथ इसका महत्व धीरे-धीरे घटता गया।


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