LHASA
ल्हासा: तिब्बत की आत्मा
ल्हासा तिब्बत की राजधानी और सांस्कृतिक, धार्मिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण नगर है। यह नगर हिमालय की ऊँचाई पर, समुद्र तल से लगभग 3,650 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। "ल्हासा" का अर्थ होता है – "देवताओं का स्थान", और यह नाम वास्तव में इस नगर की आध्यात्मिकता को दर्शाता है।
ल्हासा तिब्बती बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र है। यहाँ स्थित पोताला महल न केवल तिब्बती वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह दलाई लामा का ऐतिहासिक आवास भी रहा है। यह महल लाल और सफेद रंग में बना है, और इसकी गगनचुंबी ऊँचाई दूर से ही ध्यान आकर्षित करती है।
ल्हासा में जोखांग मंदिर भी अत्यंत प्रसिद्ध है, जिसे तिब्बती बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यह मंदिर हर वर्ष हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ लोग प्रार्थना चक्र घुमाते हैं, झंडियाँ लहराते हैं और ध्यान करते हैं।
ल्हासा की गलियाँ, मठ, बाजार और पारंपरिक घर तिब्बती संस्कृति के जीवंत रूप को प्रस्तुत करते हैं। यहाँ की जीवनशैली में आज भी आध्यात्मिकता, शांति और साधना का विशेष स्थान है। यद्यपि आधुनिकता ने यहाँ भी प्रवेश किया है, परंतु ल्हासा आज भी अपनी परंपराओं को सहेज कर रखे हुए है।
राजनीतिक दृष्टि से भी ल्हासा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की राजधानी है और यहाँ से चीन सरकार का प्रशासनिक नियंत्रण चलता है।
इस प्रकार, ल्हासा केवल एक नगर नहीं, बल्कि तिब्बती आत्मा और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।
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