POTALA PALACE LHASA



पोताला महल: तिब्बती संस्कृति का गौरव

पोताला महल तिब्बत की राजधानी ल्हासा में स्थित एक भव्य और ऐतिहासिक इमारत है। यह महल समुद्र तल से लगभग 3,700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और इसे दुनिया के सबसे ऊँचे महलों में गिना जाता है। यह महल तिब्बती बौद्ध धर्म के धार्मिक गुरु दलाई लामा का पूर्व निवास स्थल भी रहा है।

पोताला महल का निर्माण 7वीं शताब्दी में तिब्बती राजा सोंगस्तेन गम्पो द्वारा प्रारंभ किया गया था, लेकिन इसका वर्तमान स्वरूप 17वीं शताब्दी में पाँचवें दलाई लामा के शासनकाल में बना। यह महल लाल और सफेद रंग में बना हुआ है, जिसमें दो मुख्य भाग हैं — लाल महल (Red Palace) और सफेद महल (White Palace)

लाल महल में मुख्य रूप से धार्मिक गतिविधियाँ होती थीं, जैसे ध्यान, पूजा और ग्रंथों का अध्ययन। इसमें कई बौद्ध मंदिर, मूर्तियाँ और तांत्रिक चित्र बने हुए हैं। वहीं, सफेद महल में दलाई लामा का निवास, बैठक कक्ष और प्रशासनिक कार्यालय थे।

पोताला महल तिब्बती वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। इसकी दीवारें मोटी, खिड़कियाँ छोटी और छतें सुनहरी हैं। इसमें हजारों कमरे, सीढ़ियाँ, पुस्तकालय और प्राचीन चित्रकला संग्रह हैं। यह महल तिब्बती धर्म, कला और इतिहास का जीवंत संग्रहालय है।

आज यह महल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है और हर साल हजारों पर्यटक इसे देखने आते हैं। यह महल तिब्बती अस्मिता, आस्था और गौरव का प्रतीक है। पोताला महल न केवल स्थापत्य की दृष्टि से, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी एक अनमोल धरोहर है।



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