DROGDEN TUNNEL COPENHAGEN

 

ड्रॉगडेन सुरंग (Drogden Tunnel) 

ड्रॉगडेन सुरंग (Drogden Tunnel) डेनमार्क और स्वीडन को जोड़ने वाले ओरेसुंड कनेक्शन (Øresund Connection) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सुरंग डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन से शुरू होकर एक कृत्रिम द्वीप "पेबरहोल्म" (Peberholm) तक जाती है, जहाँ से फिर ओरेसुंड ब्रिज (Øresund Bridge) शुरू होता है और स्वीडन के माल्मो (Malmö) शहर तक पहुँचता है।

ड्रॉगडेन सुरंग की लंबाई लगभग 4 किलोमीटर है और इसे समुद्र के नीचे बिछाया गया है। यह सुरंग दो स्तरों पर बनी है — ऊपरी भाग में सड़क मार्ग और निचले भाग में रेलवे लाइन है। इसका निर्माण वर्ष 1995 में शुरू हुआ था और इसे 2000 में ओरेसुंड कनेक्शन के अन्य हिस्सों के साथ आम जनता के लिए खोल दिया गया।

इस सुरंग का निर्माण एक विशेष तकनीक से किया गया है जिसे "immersed tube tunnel" कहा जाता है। इस तकनीक के अंतर्गत सुरंग के बड़े हिस्सों को जमीन पर तैयार करके समुद्र में ले जाकर डुबोया गया और फिर जोड़ा गया। यह प्रक्रिया अत्यधिक सटीकता और तकनीकी विशेषज्ञता की मांग करती है।

ड्रॉगडेन सुरंग का निर्माण केवल तकनीकी उपलब्धि ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण था। समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को न्यूनतम नुकसान पहुँचाते हुए इसका डिज़ाइन तैयार किया गया था।

यह सुरंग न केवल डेनमार्क और स्वीडन के बीच यात्रा को आसान बनाती है, बल्कि यह दो देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करती है। आज हजारों लोग रोज़ इस मार्ग का उपयोग करते हैं — काम, शिक्षा, व्यापार और पर्यटन के लिए।

संक्षेप में, ड्रॉगडेन सुरंग आधुनिक इंजीनियरिंग की एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो यूरोप की एकता और प्रगति का प्रतीक बन चुकी है।

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