DANISH STRAIT

 

डेनिश जलडमरूमध्य (Danish Strait) 


परिचय:
डेनिश जलडमरूमध्य उत्तरी यूरोप में स्थित एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जो बाल्टिक सागर को उत्तर सागर (North Sea) से जोड़ता है। यह जलडमरूमध्य डेनमार्क और स्वीडन के बीच स्थित है और यूरोप के समुद्री व्यापार के लिए एक प्रमुख मार्ग है।


मुख्य जलडमरूमध्य:
डेनिश जलडमरूमध्य वास्तव में तीन प्रमुख जलडमरूमध्यों से मिलकर बना है:

  1. ओरसुंड (Øresund) – यह जलडमरूमध्य डेनमार्क के ज़ीलैंड द्वीप और स्वीडन के स्कोन क्षेत्र के बीच स्थित है।
  2. ग्रेट बेल्ट (Great Belt) – यह ज़ीलैंड और फ्यून द्वीपों के बीच है।
  3. लिटिल बेल्ट (Little Belt) – यह फ्यून और जटलैंड (Jutland) के बीच स्थित है।

इन तीनों जलडमरूमध्यों को सामूहिक रूप से "डेनिश स्ट्रेट्स" कहा जाता है।


भौगोलिक और आर्थिक महत्व:
डेनिश जलडमरूमध्य यूरोप के समुद्री व्यापार के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है, क्योंकि इसके माध्यम से ही बाल्टिक सागर के देशों (जैसे रूस, फिनलैंड, स्वीडन, पोलैंड आदि) से अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है। यह मार्ग रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एकमात्र प्राकृतिक रास्ता है जो बाल्टिक सागर को वैश्विक महासागरों से जोड़ता है।


राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण:
इतिहास में डेनमार्क ने इस जलडमरूमध्य पर कर वसूली की व्यवस्था की थी, जिसे "साउंड टोल" कहा जाता था। आज यह मार्ग अंतरराष्ट्रीय नौवहन के लिए खुला है, लेकिन डेनमार्क और नाटो देशों की इसमें सामरिक रुचि बनी रहती है।


निष्कर्ष:
डेनिश जलडमरूमध्य केवल एक भौगोलिक विशेषता नहीं है, बल्कि यह उत्तरी और पूर्वी यूरोप की आर्थिक, सामरिक और पर्यावरणीय व्यवस्था में भी एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।

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