SWARNMUKTA KATHAL

 

स्वर्णमुक्ता कटहल (Swarnmukta Kathal) – एक उन्नत और लाभकारी किस्म

स्वर्णमुक्ता कटहल एक उन्नत प्रजाति की कटहल है जिसे भारत में विशेष रूप से किसानों की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थानों द्वारा तैयार की गई है और इसे इसकी बेहतरीन उपज, स्वादिष्ट गूदा और लंबे समय तक टिकने की क्षमता के लिए सराहा जाता है।

स्वर्णमुक्ता कटहल का फल मध्यम से बड़ा आकार का होता है। इसका बाहरी छिलका हरा और हल्के कांटेदार बनावट वाला होता है, जो पकने पर हल्का पीला या सुनहरा हो जाता है। इसके गूदे का रंग भी सुनहरा पीला (स्वर्ण जैसा) होता है, जो इसकी "स्वर्णमुक्ता" पहचान को सही ठहराता है। गूदा मुलायम, रसीला और अत्यंत मीठा होता है, साथ ही इसमें हल्की सुगंध होती है जो इसे और अधिक स्वादिष्ट बनाती है।

इस कटहल की खास बात यह है कि यह कम समय में पक कर तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को जल्दी मुनाफा होता है। यह किस्म बीमारियों के प्रति भी अधिक सहनशील होती है और कम देखभाल में अच्छी पैदावार देती है।

स्वर्णमुक्ता कटहल में विटामिन A, C, फाइबर, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ रोगों से लड़ने में भी सहायक है। इसका उपयोग सब्जी, पकवान, चिप्स, जैम और मिठाइयों में किया जाता है।

स्वर्णमुक्ता नाम के अनुरूप, यह किस्म सचमुच में किसानों के लिए एक “सोने सी अमूल्य मुक्ता” बन चुकी है। इसकी बढ़ती मांग और लोकप्रियता इसे भारत में कटहल की सर्वश्रेष्ठ किस्मों में शामिल करती है। यह किस्म स्वाद, पोषण और आर्थिक लाभ का बेहतरीन संगम है।

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