GULF OF TONKIN



गल्फ ऑफ टोंकिन: इतिहास और भूगोल का संगम

गल्फ ऑफ टोंकिन (Gulf of Tonkin), जिसे हिंदी में "टोंकिन की खाड़ी" कहा जाता है, दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक प्रमुख समुद्री खाड़ी है। यह खाड़ी दक्षिण चीन सागर (South China Sea) का एक भाग है, जो मुख्य रूप से वियतनाम और चीन के बीच स्थित है।

टोंकिन की खाड़ी के पश्चिम में वियतनाम की तटरेखा फैली हुई है, जबकि उत्तर में चीन का ग्वांग्शी प्रांत (Guangxi Province) स्थित है। यह खाड़ी वियतनाम के उत्तरी भाग को समुद्री व्यापार और नौवहन से जोड़ती है और इसीलिए इसका आर्थिक और रणनीतिक महत्व बहुत अधिक है।

इस खाड़ी में कई द्वीप, मछली पकड़ने के बंदरगाह और प्राकृतिक संसाधन पाए जाते हैं। यहाँ की जलवायु उष्णकटिबंधीय है और मानसून के दौरान भारी वर्षा होती है।

ऐतिहासिक महत्व

गल्फ ऑफ टोंकिन न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह 20वीं शताब्दी के अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी एक ऐतिहासिक स्थल बन चुका है। वर्ष 1964 में यहीं पर एक कथित समुद्री झड़प हुई थी, जिसे "टोंकिन की खाड़ी की घटना" (Gulf of Tonkin Incident) कहा जाता है।

इस घटना को अमेरिका ने वियतनाम युद्ध में अपनी सैन्य भागीदारी बढ़ाने के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया। इस बहाने के आधार पर अमेरिकी कांग्रेस ने "गल्फ ऑफ टोंकिन रिजोल्यूशन" पारित किया, जिससे अमेरिका को वियतनाम में सीधा सैन्य हस्तक्षेप करने की अनुमति मिल गई।


निष्कर्ष

गल्फ ऑफ टोंकिन केवल एक भौगोलिक स्थल नहीं, बल्कि यह इतिहास, राजनीति और कूटनीति से जुड़ा एक प्रमुख समुद्री क्षेत्र है। इसकी महत्ता आज भी एशिया-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति में बनी हुई है।



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