SOUTH CHINA SEA



दक्षिण चीन सागर (South China Sea): एशिया का सामरिक और आर्थिक केंद्र

दक्षिण चीन सागर (South China Sea), एशिया का एक अत्यंत महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र है। यह सागर दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित है और इसके किनारे पर कई देश बसे हैं, जिनमें चीन, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई, और इंडोनेशिया प्रमुख हैं।

इस सागर का विस्तार लगभग 35 लाख वर्ग किलोमीटर में है। यह सागर न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, बल्कि अर्थव्यवस्था, नौवहन, और रणनीति की दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

आर्थिक महत्ता

दक्षिण चीन सागर से होकर दुनिया के लगभग एक तिहाई समुद्री व्यापारिक जहाज गुजरते हैं। यह सागर तेल, प्राकृतिक गैस, और मछली संसाधनों से भी समृद्ध है। यहाँ मछली पकड़ने का उद्योग लाखों लोगों की आजीविका का साधन है।

राजनीतिक विवाद

इस क्षेत्र पर विवाद भी लंबे समय से जारी हैं। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर "नाइन-डैश लाइन" (Nine-Dash Line) के तहत दावा करता है, जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और अन्य देश भी अपने-अपने हिस्से का दावा करते हैं।

यह समुद्री विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव का कारण बना हुआ है। चीन ने कई कृत्रिम द्वीप बनाकर सैन्य ठिकाने स्थापित किए हैं, जिससे क्षेत्र में अमेरिका और अन्य देशों की भागीदारी भी बढ़ी है।


निष्कर्ष

दक्षिण चीन सागर केवल एक जलक्षेत्र नहीं, बल्कि यह एशिया-प्रशांत की शक्ति-संतुलन की कुंजी है। आने वाले समय में यह सागर अंतरराष्ट्रीय राजनीति और सुरक्षा का केंद्र बना रहेगा।



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