SHAHNAMEH
शाहनामा पर निबंध (लगभग 400 शब्द)
शाहनामा (जिसका अर्थ है: "राजाओं की कथा") फारसी साहित्य का एक महान महाकाव्य है, जिसे प्रसिद्ध कवि फिरदौसी (Ferdowsi) ने 10वीं शताब्दी के अंत में लिखा था। यह ग्रंथ फारसी भाषा का सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित साहित्यिक कृति माना जाता है, और इसे फारसी संस्कृति, इतिहास और पहचान का प्रतीक भी कहा जाता है।
शाहनामा की रचना लगभग 30 वर्षों में हुई और इसमें 60,000 से अधिक पद्य (शेर) हैं, जो इसे दुनिया का सबसे लंबा महाकाव्य बनाते हैं जिसे किसी एक कवि ने लिखा है। यह महाकाव्य प्राचीन ईरान के इतिहास, पौराणिक कथाओं, वीरों, राजाओं और युद्धों का विस्तृत वर्णन करता है।
इस ग्रंथ को तीन मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है:
- पौराणिक युग – जिसमें सृष्टि की उत्पत्ति, पहले मानव, और आरंभिक राजाओं की कथाएँ हैं।
- नायकों का युग – जिसमें महान योद्धाओं जैसे रोशंग, जाल, रुस्तम, और सोहराब की वीरगाथाएँ हैं।
- ऐतिहासिक युग – जिसमें ऐतिहासिक राजवंशों जैसे अश्कानी (Parthian) और सासानी का वर्णन है।
शाहनामा केवल एक ऐतिहासिक या पौराणिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह नैतिकता, बहादुरी, प्रेम, बलिदान और न्याय जैसे मूल्यों को भी प्रस्तुत करता है। इसमें विशेष रूप से फारसी भाषा, संस्कृति और ईरानी पहचान को बचाने का उद्देश्य था, क्योंकि यह उस समय लिखा गया था जब ईरान पर अरबी इस्लामी शासन का प्रभाव बढ़ रहा था।
फिरदौसी ने यह ग्रंथ फारसी भाषा में इसलिए लिखा ताकि ईरान की पूर्व-इस्लामी विरासत और गौरव को संरक्षित किया जा सके। उनका योगदान इतना महत्वपूर्ण माना गया कि उन्हें फारसी साहित्य का महाकवि (महान शायर) कहा जाता है।
आज भी शाहनामा को ईरान और फारसी भाषी क्षेत्रों में राष्ट्र गौरव, सांस्कृतिक शिक्षा, और साहित्यिक सौंदर्य के प्रतीक के रूप में पढ़ा और सराहा जाता है।
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