Yijing
यीजिंग (Yijing)
यीजिंग (Yijing) एक प्रसिद्ध चीनी बौद्ध भिक्षु, विद्वान और यात्रा लेखक थे जिन्होंने 7वीं शताब्दी में भारत की यात्रा की थी। उनका जन्म चीन के तांग वंशकाल में 635 ईस्वी में हुआ था। वे ह्वेनसांग के बाद भारत आए और उन्होंने बौद्ध धर्म का गहन अध्ययन करने के उद्देश्य से लंबी समुद्री यात्रा की।
भारत की यात्रा
यीजिंग ने 671 ईस्वी में चीन से समुद्री मार्ग द्वारा अपनी यात्रा शुरू की। वे पहले श्रीविजय (वर्तमान इंडोनेशिया) पहुँचे, जहाँ उन्होंने लगभग दो वर्ष रहकर संस्कृत और पालि भाषा सीखी। इसके बाद वे भारत पहुँचे। उन्होंने लगभग 10 वर्ष तक नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया, जो उस समय बौद्ध धर्म और दर्शन का एक बड़ा शिक्षा केंद्र था।
शोध और अनुवाद कार्य
यीजिंग ने भारत में रहकर अनेक बौद्ध ग्रंथों का संस्कृत से चीनी भाषा में अनुवाद किया। उन्होंने लगभग 400 से अधिक ग्रंथों का अनुवाद किया, जिनमें बौद्ध धर्म के महायान और हीनयान शाखाओं से संबंधित ग्रंथ प्रमुख हैं। उनके अनुवाद कार्य ने चीन और अन्य पूर्वी एशियाई देशों में बौद्ध धर्म के प्रसार में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रमुख रचनाएँ
यीजिंग की सबसे प्रसिद्ध रचना है:
- "Records of the Buddhist Religion as Practised in India and the Malay Archipelago"
(चीनी नाम: 南海寄歸內法傳)
इस ग्रंथ में उन्होंने भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रचलित बौद्ध परंपराओं, मठ जीवन, शिक्षा पद्धति और धार्मिक रीति-रिवाजों का वर्णन किया है।
महत्त्व और योगदान
यीजिंग का कार्य बौद्ध धर्म के इतिहास को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा किए गए अनुवादों ने भारत और चीन के बीच धार्मिक व सांस्कृतिक पुल का निर्माण किया। साथ ही, उनकी रचनाओं से हमें यह जानकारी मिलती है कि 7वीं शताब्दी के भारत में बौद्ध धर्म किस प्रकार व्यवस्थित रूप से पढ़ाया और अभ्यास में लाया जाता था।
निष्कर्ष
यीजिंग केवल एक बौद्ध भिक्षु नहीं थे, बल्कि एक महान दार्शनिक, अनुवादक और सांस्कृतिक दूत भी थे। उनका जीवन और कृतियाँ आज भी बौद्ध अध्ययन, भारत-चीन संबंधों और प्राचीन इतिहास के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं।
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