ORESUND BRIDGE COPENHAGEN
ओरेसुंड ब्रिज (Øresund Bridge
ओरेसुंड ब्रिज (Øresund Bridge) डेनमार्क और स्वीडन को जोड़ने वाला एक अद्भुत इंजीनियरिंग चमत्कार है। यह पुल डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन और स्वीडन के शहर माल्मो (Malmö) के बीच स्थित है। यह पुल सड़क और रेल परिवहन दोनों के लिए बना है और इसे वर्ष 2000 में आम जनता के लिए खोल दिया गया था।
ओरेसुंड ब्रिज की कुल लंबाई लगभग 16 किलोमीटर है, जिसमें तीन भाग शामिल हैं — एक पुल, एक कृत्रिम द्वीप (Peberholm), और एक सुरंग। कोपेनहेगन की ओर से यात्रा शुरू होती है एक सुरंग (Drogden Tunnel) से, जो समुद्र के नीचे से होकर गुजरती है। यह सुरंग फिर एक कृत्रिम द्वीप "पेबरहोल्म" पर जाकर समाप्त होती है, जहाँ से मुख्य पुल शुरू होता है जो स्वीडन की ओर बढ़ता है।
इस पुल का निर्माण अत्यंत आधुनिक तकनीक से किया गया है और यह समुद्री यातायात, पर्यावरणीय संतुलन और अंतरराष्ट्रीय आवागमन को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। पुल के ऊपरी हिस्से से सड़क मार्ग और निचले हिस्से से रेलवे लाइन गुजरती है, जिससे एक साथ कार, बस और ट्रेन का आवागमन संभव होता है।
ओरेसुंड ब्रिज न केवल दो देशों को जोड़ता है, बल्कि यह यूरोप की एकता और सहयोग का प्रतीक भी है। इस पुल ने कोपेनहेगन और माल्मो के बीच आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को और भी मज़बूत किया है। अब हजारों लोग प्रतिदिन इस पुल के माध्यम से एक देश से दूसरे देश में यात्रा करते हैं, काम करते हैं या अध्ययन करते हैं।
यह पुल अपनी सुंदरता और तकनीकी उत्कृष्टता के कारण भी आकर्षण का केंद्र है। समुद्र के ऊपर फैला यह भव्य पुल जब सूर्य की रोशनी में चमकता है या रात में रोशनी से जगमगाता है, तब इसका दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है।
संक्षेप में, ओरेसुंड ब्रिज सिर्फ एक परिवहन मार्ग नहीं, बल्कि दो देशों को जोड़ने वाली मैत्री और नवाचार की प्रतीक कड़ी है। यह आधुनिक यूरोपीय वास्तुकला और इंजीनियरिंग का एक अद्वितीय उदाहरण है, जिसे अवश्य देखा जाना चाहिए।
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