ADRIATIC SEA



एड्रियाटिक सागर: एक प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर

एड्रियाटिक सागर (Adriatic Sea) यूरोप का एक महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र है, जो इटली और बाल्कन प्रायद्वीप के बीच स्थित है। यह भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) का एक भाग है और इसका विस्तार उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा में है। इसकी कुल लंबाई लगभग 800 किलोमीटर है, जबकि चौड़ाई लगभग 200 किलोमीटर तक होती है।

इस सागर की सीमाएं इटली (पश्चिम में) और स्लोवेनिया, क्रोएशिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, मोंटेनेग्रो और अल्बानिया (पूर्व में) से लगती हैं। क्रोएशिया की समुद्री सीमा का अधिकांश भाग एड्रियाटिक सागर से जुड़ा हुआ है, और इसके कारण यह देश समुद्री पर्यटन में अग्रणी है।

एड्रियाटिक सागर का जल नीला, साफ़ और अपेक्षाकृत शांत होता है। यहाँ की जलवायु भूमध्यसागरीय है, जिसमें गर्मियां गर्म और सर्दियां हल्की ठंडी होती हैं। इस क्षेत्र की यही जलवायु इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाती है। डुब्रॉवनिक, स्प्लिट, ज़दर जैसे क्रोएशियाई तटीय शहर एड्रियाटिक तट पर स्थित हैं और पर्यटकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं।

एड्रियाटिक सागर का आर्थिक महत्त्व भी बहुत अधिक है। यह मछली पकड़ने, समुद्री परिवहन, व्यापार और पर्यटन के लिए उपयोगी है। क्रोएशिया और इटली के बीच फेरी सेवाएं और मालवाहक जहाज़ इसी सागर से होकर गुजरते हैं। इसके अलावा, सागर के किनारे स्थित शहरों में बंदरगाह और नौकायन सुविधाएँ भी विकसित हैं।

यह सागर जैव विविधता में भी समृद्ध है। इसमें विभिन्न प्रकार की मछलियाँ, समुद्री घोंघे, डॉल्फ़िन और अन्य समुद्री जीव पाए जाते हैं। इसके तटों पर मूंगे की चट्टानें, द्वीप समूह और सुरम्य समुद्र तट प्राकृतिक सौंदर्य को और भी बढ़ाते हैं।

निष्कर्ष:
एड्रियाटिक सागर न केवल एक भौगोलिक विशेषता है, बल्कि यह क्षेत्र की संस्कृति, जीवनशैली और अर्थव्यवस्था से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह सागर प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और आधुनिक उपयोगिता का एक अद्भुत उदाहरण है, जो इसे यूरोप का एक अमूल्य रत्न बनाता है।



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