ROZA LITCHI

 

रोज़ा लीची (Roza Litchi) 

रोज़ा लीची भारत में पाई जाने वाली एक विशिष्ट और आकर्षक किस्म की लीची है, जो अपने सुंदर रंग, मीठे स्वाद और सुगंध के कारण विशेष रूप से पहचानी जाती है। इस किस्म का उत्पादन मुख्यतः बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में किया जाता है, जहाँ की जलवायु लीची की खेती के लिए अनुकूल मानी जाती है।

रोज़ा लीची का नाम इसके गुलाबी-लाल रंग के कारण पड़ा है, जो गुलाब (Rose) की तरह हल्का और आकर्षक होता है। इसका छिलका पतला होता है और पकने पर चमकदार लाल हो जाता है। गूदा सफेद, मुलायम और अत्यंत रसीला होता है, जो खाने में मीठा और ताजगी से भरपूर होता है। इसका बीज सामान्य आकार का होता है।

यह किस्म आमतौर पर जून के पहले या दूसरे सप्ताह में बाजार में आती है। रोज़ा लीची की मांग शहरों में अधिक रहती है, खासकर त्योहारों और गर्मी की छुट्टियों के दौरान। इसका उपयोग न केवल फल के रूप में खाने में होता है, बल्कि इससे शरबत, आइसक्रीम और मिठाइयाँ भी बनाई जाती हैं।

रोज़ा लीची में विटामिन C, आयरन, पोटैशियम, और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, त्वचा को निखारते हैं और पाचन को सुधारते हैं। यह गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक देने वाला फल है।

रोज़ा लीची एक व्यावसायिक दृष्टि से लाभकारी किस्म है। किसानों को इससे अच्छा मुनाफा होता है क्योंकि यह देखने में सुंदर, स्वाद में बेहतरीन और बाजार में आकर्षण का केंद्र होती है। यह किस्म लीची प्रेमियों के लिए एक खास और स्वादिष्ट अनुभव प्रदान करती है।

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