HIGH SEAS
हाई सीज़ (High Seas): समुद्रों की खुली सीमा
हाई सीज़ (High Seas), जिसे हिंदी में "उच्च समुद्र" कहा जाता है, वह समुद्री क्षेत्र है जो किसी भी देश की सीमित समुद्री सीमा से बाहर होता है। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, यह क्षेत्र सभी देशों के लिए साझा संपत्ति (global commons) होता है, यानी इस पर किसी एक देश का स्वामित्व नहीं होता।
सीमांकन कैसे होता है?
संयुक्त राष्ट्र की समुद्री संधि UNCLOS (United Nations Convention on the Law of the Sea) के अनुसार, किसी भी देश की समुद्री सीमा निम्नलिखित होती है:
- आंचलिक समुद्र (Territorial Sea) – तट से 12 नॉटिकल मील तक
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) – तट से 200 नॉटिकल मील तक
इन सीमाओं से बाहर जो समुद्री क्षेत्र होता है, उसे ही "हाई सीज़" कहा जाता है।
हाई सीज़ पर अधिकार और स्वतंत्रताएँ
हाई सीज़ पर सभी देशों को निम्नलिखित अधिकार होते हैं:
- नौवहन की स्वतंत्रता
- मछली पकड़ने की स्वतंत्रता
- विज्ञान और अनुसंधान की स्वतंत्रता
- संचार और केबल बिछाने की स्वतंत्रता
हालाँकि, इन गतिविधियों में पर्यावरण सुरक्षा और अन्य देशों के हितों का सम्मान करना आवश्यक होता है।
चुनौतियाँ और विवाद
हाल के वर्षों में हाई सीज़ पर:
- अत्यधिक मछली पकड़ना (Overfishing)
- समुद्री प्रदूषण
- गैरकानूनी गतिविधियाँ जैसे समुद्री डकैती और तस्करी
- खनिज और जैविक संसाधनों का अनियंत्रित दोहन
जैसी समस्याएँ सामने आई हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है।
निष्कर्ष
हाई सीज़ मानवता की साझी धरोहर हैं। यह क्षेत्र नौवहन, व्यापार, अनुसंधान और संसाधनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इनका संरक्षण और न्यायपूर्ण उपयोग सभी देशों की साझी ज़िम्मेदारी है।
Comments
Post a Comment