FERDOWSI
फिरदौसी
फिरदौसी फारसी भाषा के महानतम कवियों में से एक माने जाते हैं। उनका पूरा नाम अबुल क़ासिम फिरदौसी (Abul Qasim Ferdowsi) था। उनका जन्म ईरान के तूस नामक नगर में लगभग 940 ईस्वी में हुआ था। वे फारसी साहित्य के उस स्वर्ण युग के कवि थे, जब ईरानी पहचान को विदेशी प्रभावों से बचाने का प्रयास किया जा रहा था।
फिरदौसी की सबसे प्रसिद्ध रचना है – "शाहनामा" (राजाओं की कथा)। यह एक विशाल महाकाव्य है, जिसमें ईरान के प्राचीन इतिहास, पौराणिक कथाओं, और वीरगाथाओं का सुंदर चित्रण किया गया है। उन्होंने इस ग्रंथ को करीब 30 वर्षों की मेहनत से पूरा किया। इसमें लगभग 60,000 शेर (पद्य) हैं, जो फारसी भाषा में लिखे गए हैं।
फिरदौसी का उद्देश्य था – ईरान की प्राचीन सांस्कृतिक पहचान को बचाना, जो उस समय अरबी इस्लामी प्रभाव के कारण खतरे में पड़ गई थी। उन्होंने शुद्ध फारसी भाषा में यह ग्रंथ लिखा, और अरबी शब्दों का उपयोग न के बराबर किया। यही कारण है कि उन्हें फारसी भाषा का संरक्षक माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि फिरदौसी ने यह ग्रंथ गज़नवी सुल्तान महमूद को समर्पित किया था, लेकिन सुल्तान ने उन्हें उचित सम्मान या इनाम नहीं दिया। इस अपमान से दुखी होकर फिरदौसी ने अपने अंतिम जीवन के वर्ष संघर्ष और गरीबी में बिताए।
उनकी मृत्यु लगभग 1020 ईस्वी में हुई, लेकिन आज उन्हें फारसी साहित्य का सबसे बड़ा कवि और सांस्कृतिक नायक माना जाता है। ईरान में आज भी उनकी कब्र एक राष्ट्रीय स्मारक है।
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