TAREGNA BIHAR



तरेगना (Taregna), बिहार

तरेगना बिहार राज्य के पटना जिले का एक छोटा लेकिन ऐतिहासिक और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कस्बा है। इसका नाम “तारे गिनना” से जुड़ा हुआ माना जाता है — यानि “जहाँ तारे गिने जाते थे”, और यही शब्द “तरेगना” (Taregna) बन गया। यह क्षेत्र खगोलशास्त्र से जुड़ी अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है।

खगोलशास्त्र और आर्यभटट का संबंध

तरेगना को खास पहचान मिली जब यह माना गया कि प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट ने यहीं बैठकर तारों और ग्रहों का अध्ययन किया था। कुछ विद्वानों का मत है कि उन्होंने यहीं से खगोल विज्ञान पर आधारित अपने महत्वपूर्ण कार्यों की रचना की थी।

इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ने तरेगना को एक खगोलीय पर्यटन स्थल के रूप में विशेष दर्जा दिलाया है।

2009 सूर्य ग्रहण की प्रसिद्धि

21 जुलाई 2009 को जब भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) हुआ था, तब तरेगना पूरे देश और दुनिया में चर्चा का केंद्र बन गया था। वैज्ञानिकों ने तरेगना को इस ग्रहण को देखने के लिए एक उत्तम बिंदु माना था। उस दिन यहाँ हज़ारों खगोल प्रेमी, वैज्ञानिक और पत्रकार एकत्रित हुए थे। हालांकि बादलों के कारण दृश्यता प्रभावित हुई, फिर भी तरेगना की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनी।

भौगोलिक स्थिति और परिवहन

तरेगना मसौढ़ी अनुमंडल में आता है और पटना से लगभग 30 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यह पटना–गया रेलवे लाइन पर एक स्टेशन है, जिससे इसकी पहुँच आसान है। सड़क और रेल दोनों मार्गों से यह पटना और गया से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

स्थानीय जीवन और संस्कृति

तरेगना एक शांत ग्रामीण परिवेश वाला इलाका है। यहाँ के लोग मुख्यतः कृषि, पशुपालन और छोटे व्यवसायों पर निर्भर हैं। यहाँ हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय मिल-जुलकर रहते हैं और त्योहारों को भाईचारे से मनाते हैं।

निष्कर्ष

तरेगना एक ऐसा स्थान है जहाँ विज्ञान, इतिहास और परंपरा का सुंदर संगम है। यह छोटा सा कस्बा भारतीय खगोल विज्ञान की विरासत और बिहार की सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक बन चुका है।


अगर आप चाहें तो इसे मैं Romanized Hindi (Latin script) में भी दे सकता हूँ।

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