ह्वेनसांग XUANZANG
ह्वेनसांग (Xuanzang / Zhuangzang)
ह्वेनसांग, जिन्हें हियून त्सांग या ज़ुआंगज़ांग भी कहा जाता है, 7वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध चीनी बौद्ध भिक्षु, विद्वान और यात्रा लेखक थे। उन्होंने चीन से भारत की यात्रा की और यहाँ के धार्मिक, सांस्कृतिक तथा शैक्षिक जीवन का विस्तृत वर्णन किया। उनका जन्म 602 ईस्वी में चीन के हेनान प्रांत में हुआ था।
ह्वेनसांग ने बौद्ध धर्म के गहरे अध्ययन की इच्छा से भारत की यात्रा की। उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना करते हुए 629 ईस्वी में भारत की यात्रा शुरू की, और लगभग 17 वर्षों तक भारत में रहे। इस दौरान वे भारत के कई हिस्सों में घूमे, जैसे कांचीपुरम, वाराणसी, नालंदा, प्रयाग, मथुरा, पाटलिपुत्र, और कश्मीर।
उनकी यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव था नालंदा विश्वविद्यालय, जहाँ उन्होंने कई वर्षों तक अध्ययन किया और बौद्ध धर्म के विभिन्न संप्रदायों को समझा। उन्होंने संस्कृत भी सीखी और अनेक बौद्ध ग्रंथों का अनुवाद किया।
भारत से लौटने के बाद उन्होंने एक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी —
“सी-यू-की” (Si-Yu-Ki) या “Records of the Western World”, जिसमें उन्होंने भारत के समाज, धर्म, शासन व्यवस्था, शिक्षा, शहरों, रीति-रिवाज़ों और लोगों का विस्तृत वर्णन किया है। यह पुस्तक प्राचीन भारत के इतिहास के लिए एक अमूल्य स्रोत मानी जाती है।
ह्वेनसांग न केवल बौद्ध धर्म के प्रचारक थे, बल्कि भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक पुल भी बने। उनके कार्य आज भी इतिहास, धर्म और सभ्यता के अध्ययन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
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