SANTIAGO CALATRAVA
सैंटियागो कालात्रावा: वास्तुकला और इंजीनियरिंग का अद्भुत संगम
सैंटियागो कालात्रावा एक प्रसिद्ध स्पेनिश वास्तुकार, इंजीनियर, मूर्तिकार और चित्रकार हैं, जिनका जन्म 28 जुलाई 1951 को स्पेन के वेलेंसिया शहर के पास बेनिमामेट नामक स्थान पर हुआ था। वे विश्वभर में अपनी अनोखी और भविष्यवादी वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं, जो कला, इंजीनियरिंग और प्रकृति के तत्वों का सुंदर समावेश प्रस्तुत करती है।
कालात्रावा की शिक्षा बहुत ही विविध रही है। उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिख में स्थित ईटीएच (ETH Zurich) से आर्किटेक्चर और सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इस तकनीकी पृष्ठभूमि ने उन्हें एक ऐसा वास्तुकार बना दिया जो न केवल कलात्मक रूप से संरचनाएँ डिज़ाइन करता है, बल्कि उनके निर्माण की तकनीकी जटिलताओं को भी गहराई से समझता है।
उनके कार्यों में सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे अपनी इमारतों में गतिशीलता, हल्केपन और जैविक आकृतियों को प्रमुखता देते हैं। उनकी डिजाइन शैली में अक्सर पक्षियों, मानव शरीर, हड्डियों और अन्य प्राकृतिक आकृतियों से प्रेरणा मिलती है। वे कहते हैं कि “प्रकृति सबसे बड़ी इंजीनियर है,” और यही बात उनके कार्यों में भी झलकती है।
उनकी कुछ प्रसिद्ध कृतियों में स्पेन का "सिटी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज़" (City of Arts and Sciences), न्यूयॉर्क का "ओक्युलस" (Oculus), मिलान का "मेल्पेंसा एयरपोर्ट टर्मिनल", और स्वीडन का "टर्निंग टॉर्सो" प्रमुख हैं। टर्निंग टॉर्सो ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अत्यधिक ख्याति दिलाई, क्योंकि यह इमारत इंसानी शरीर की घूमती आकृति से प्रेरित है।
हालांकि कालात्रावा की कई परियोजनाएँ आलोचना का भी विषय बनी हैं — जैसे बजट से अधिक खर्च, निर्माण में देरी, और कभी-कभी संरचनात्मक समस्याएँ — फिर भी उनकी कल्पनाशीलता और नवाचार की भावना को कोई नकार नहीं सकता।
निष्कर्षतः, सैंटियागो कालात्रावा एक ऐसे अद्वितीय वास्तुकार हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग और कला को एक ही मंच पर लाकर स्थापत्य की दुनिया को एक नया दृष्टिकोण दिया है। उनका कार्य आधुनिक वास्तुकला की सीमाओं को तोड़ता है और यह दिखाता है कि विज्ञान और कला मिलकर कितनी शानदार संरचनाएँ बना सकते हैं।
Comments
Post a Comment