YANGON
यांगून: म्यांमार का ऐतिहासिक शहर
यांगून, जिसे पहले रंगून (Rangoon) के नाम से जाना जाता था, म्यांमार का सबसे बड़ा और प्रमुख शहर है। यह म्यांमार की पूर्व राजधानी भी रह चुका है और आज भी देश का सबसे बड़ा व्यापारिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक केंद्र है। यह शहर देश के दक्षिणी भाग में स्थित है और इरावदी डेल्टा के निकट समुद्र के पास फैला हुआ है।
यांगून की स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी, लेकिन इसका मुख्य विकास ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुआ। अंग्रेजों ने इसे अपनी राजधानी बनाया और यहाँ कई औपनिवेशिक शैली की इमारतों का निर्माण किया। आज भी यांगून की सड़कों पर चलने पर ब्रिटिश वास्तुकला की झलक मिलती है।
इस शहर की सबसे प्रसिद्ध पहचान श्वेडागोन पगोडा (Shwedagon Pagoda) है, जो म्यांमार का सबसे पवित्र बौद्ध स्थल माना जाता है। यह लगभग 2,500 साल पुराना स्तूप है और इसके शीर्ष पर सोने की परत चढ़ी हुई है। यहाँ हर दिन हज़ारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
यांगून एक बहुसांस्कृतिक शहर है, जहाँ बर्मी, चीनी, भारतीय और अन्य समुदायों के लोग रहते हैं। यहाँ हिन्दू मंदिर, चर्च, मस्जिद और बौद्ध मठ – सभी देखने को मिलते हैं। भारतीय संस्कृति का भी इस शहर पर गहरा प्रभाव है।
वर्तमान में, यांगून म्यांमार की अर्थव्यवस्था का केंद्र है। यहाँ बंदरगाह, रेलवे, फैक्ट्रियाँ और बाज़ार बहुत सक्रिय हैं। यांगून का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी देश का प्रमुख प्रवेश द्वार है।
यांगून एक ऐसा शहर है जो परंपरा और आधुनिकता को साथ लेकर चलता है और म्यांमार की आत्मा को दर्शाता है।
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