IRRAWADDYY RIVER
इरावदी नदी: म्यांमार की जीवनरेखा
इरावदी नदी (Irrawaddy River),, म्यांमार की सबसे लंबी और सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह नदी देश की जीवनरेखा मानी जाती है क्योंकि यह न केवल सिंचाई और परिवहन का प्रमुख स्रोत है, बल्कि इसकी घाटी में देश की अधिकांश जनसंख्या भी बसती है।
उद्गम और प्रवाह
इरावदी नदी का उद्गम म्यांमार के उत्तरी भाग में हिमालय की तलहटी से होता है, जहाँ दो नदियाँ – न’मे (N’mai) और म’ले (M’lai) – आपस में मिलती हैं। यह नदी उत्तर से दक्षिण की ओर लगभग 2,170 किलोमीटर बहती है और म्यांमार के मध्य भाग को पार करती हुई बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है। इस नदी का डेल्टा क्षेत्र बहुत उपजाऊ है और यहाँ चावल की खेती बड़े पैमाने पर होती है।
आर्थिक और सांस्कृतिक महत्त्व
इरावदी नदी म्यांमार की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह नदी खेती के लिए जल प्रदान करती है, विशेषकर चावल की फसल के लिए। इसके अलावा, यह एक महत्त्वपूर्ण जलमार्ग भी है जिससे माल और यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचते हैं। यांगून और मांडले जैसे प्रमुख शहर इसी नदी के किनारे बसे हैं।
इरावदी नदी बौद्ध धर्म और म्यांमार की पारंपरिक संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है। कई प्राचीन मंदिर और पवित्र स्थल इसके किनारे स्थित हैं।
निष्कर्ष
इरावदी नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि म्यांमार के लोगों के जीवन, कृषि, संस्कृति और इतिहास की आधारशिला है। यह नदी म्यांमार की आत्मा के रूप में देखी जाती है।
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